रांची: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान छह दिन का ही कार्य दिवस होगा. इसमें पांच दिन प्रश्नकाल होगा. विधानसभा में सरकार को घेरने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष ने तैयारी शुरू कर दी है. बालू घाट की नीलामी, सुरक्षाकर्मियों के हथियार चोरी में मंत्री जय प्रकाश भाई पटेल की संलिप्तता, स्थानीयता, भाजपा के प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले के यहां हुई इनकम टैक्स की छापेमारी समेत कई मुद्दों पर हंगामा होगा. इसके लिए भाजपा और झाविमो की ओर से पूरी तैयारी की जा रही है.
वहीं सरकार को समर्थन कर रहे विधायक बंधु तिर्की भी स्थानीयता को लेकर सरकार को घेरेंगे. बालू घाट की नीलामी को लेकर राज्य में पिछले एक माह से लगातार बयानबाजी हो रही है. सरकार में शामिल कांग्रेस और राजद के नेता भी बालू घाट की नीलामी पर सरकार के खिलाफ खुल कर बोल रहे हैं. वहीं स्थानीयता के मुद्दे पर कई संगठनों की ओर से झारखंड बंद बुला कर सरकार को चेतावनी भी दे जा चुकी है. हथियार चोरी मामले में मंत्री जय प्रकाश भाई पटेल की संलिप्तता की बात सामने आने पर भी विपक्ष के नेता इस मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग कर रहे हैं.
विधानसभा में सरकार से मांगेगे जवाब : प्रदीप यादव
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार का कोई एजेंडा नहीं है. सत्ता में शामिल दल अपने-अपने स्वार्थ में काम कर रहे हैं. इसका विरोध किया जायेगा. उन्होंने कहा कि बालू घाट की नीलामी का अधिकार ग्राम सभा को मिले. साजिश के तहत इसका ठेका मुंबई की कंपनी को दिया जा रहा है. सरकार में शामिल मंत्री जय प्रकाश भाई पटेल के अपने बॉडीगार्ड के हथियार चोरी कराने के मामले में संलिप्तता की बात सामने आ रही है. इस मामले की सीबीआई से जांच कराया जाना चाहिए
किन-किन मुद्दों पर उठेगा सवाल : बालू घाट की नीलामी, सुरक्षाकर्मियों के हथियार चोरी में मंत्री जय प्रकाश भाई पटेल की संलिप्तता, स्थानीयता, भाजपा नेता के यहां इनकम टैक्स का रेड, अल्पसंख्यकों के अनुदान का मामला, मंत्री के दवाब में हुए तबादले समेत अन्य.
समय का सदुपयोग करें : स्पीकर
विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता ने कहा है कि विधायक समय का सुदपयोग करें. हंगामे की वजह से समय बर्बाद नहीं हो, इसका ख्याल रखा जाये. उन्होंने कहा कि सदन में अपनी बात प्रभावी तरीके से रखना विधायकों का लोकतांत्रिक अधिकार है. विधानसभा सत्र छोटा है. इसलिए इस बात का ध्यान रखा जाये कि सत्र हंगामे की भेंट न चढ़ जाये.