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11वीं की परीक्षा पर लगी रोक

रांची: राज्य के 105 इंटर कॉलेजों में 11वीं की परीक्षा पर रोक लगा दी गयी है. इन इंटर कॉलेजों में 11वीं की परीक्षा के प्रश्नपत्रों के लिए मांग पत्र जमा नहीं हुआ. जनवरी में कक्षा 11वीं (इंटर) की परीक्षा प्रस्तावित है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने प्रश्नपत्रों के लिए 30 नवंबर तक स्कूल-कॉलेजों से आवेदन जमा […]

रांची: राज्य के 105 इंटर कॉलेजों में 11वीं की परीक्षा पर रोक लगा दी गयी है. इन इंटर कॉलेजों में 11वीं की परीक्षा के प्रश्नपत्रों के लिए मांग पत्र जमा नहीं हुआ. जनवरी में कक्षा 11वीं (इंटर) की परीक्षा प्रस्तावित है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने प्रश्नपत्रों के लिए 30 नवंबर तक स्कूल-कॉलेजों से आवेदन जमा करने को कहा था. मांग पत्र जमा करने की तिथि समाप्त हो गयी, पर इनका आवेदन जमा नहीं हुआ. इन कॉलेजों की स्थापना अनुमति (अस्थायी मान्यता) वर्ष 2012 में ही समाप्त हो गयी थी. इन कॉलेजों ने निर्धारित समय के अंदर स्थायी प्रस्वीकृति (स्थायी मान्यता ) नहीं ली. इसी कारण गत वर्ष 2012-14 की इंटर परीक्षा में कॉलेज के विद्यार्थियों के शामिल होने पर रोक लगा दी गयी. इन कॉलेजों द्वारा आंदोलन किये जाने पर मार्च 2013 में कैबिनेट ने कॉलेजों को स्थायी प्रस्वीकृति के लिए छह माह का समय दिया. छह माह के अंदर कॉलेजों को स्थायी मान्यता लेने को कहा गया था. लेकिन यह समय सीमा भी गत माह समाप्त हो गयी और कॉलेजों को स्थायी मान्यता नहीं मिल पायी है.

लंबित है40 कॉलेजों का मामला
105 में से लगभग 40 कॉलेजों की स्थायी मान्यता की अनुशंसा झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मानव संसाधन विकास विभाग से की है. इनकी मान्यता पर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया. इनका भी 11वीं की परीक्षा के प्रश्रपत्र के लिए आवेदन जमा नहीं लिया गया.

नामांकन लेने पर लगी थी रोक
सरकार ने सभी 105 इंटर कॉलेजों को निर्देश दिया था कि जब तक मान्यता प्राप्त नहीं हो इंटर में नामांकन नहीं ले. इसके बाद भी कॉलेजों ने नामांकन ले लिया. इन कॉलेजों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया था, लेकिन एक भी कॉलेज पर कार्रवाई नहीं की गयी.

छात्रहित के नाम पर भविष्य से खिलवाड़
राज्य के कुछ इंटर कॉलेज छात्रहित के नाम पर उनके भविष्य से खिलवाड़ करते हैं. रोक के बाद भी बिना मान्यता के कॉलेजों में इंटर में विद्यार्थियों का नामांकन कर लिया जाता है. जब परीक्षा का समय आता है, तो छात्रहित का हवाला देकर सरकार पर दबाव बनाते हैं. इन कॉलेजों के पास आवश्यक संसाधन भी नहीं है. कुछ कॉलेज एक -दो कमरे में संचालित होते हैं. इसके बावजूद कॉलेज दबाव बना कर विद्यार्थी को परीक्षा में शामिल करा लेते हैं.

25 हजार विद्यार्थी होंगे प्रभावित
इस निर्णय से 105 इंटर कॉलेजों के लगभग 25 हजार विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है. 11 वीं की परीक्षा में शामिल नहीं होने से विद्यार्थी वर्ष 2015 की इंटर परीक्षा में शामिल नहीं हो पायेंगे. गत वर्ष सरकार ने ऐसे कॉलेजों को अंतिम मौका दिया था.

जैक ने मांगा दिशा-निर्देश
झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने 105 इंटर कॉलेजों के संबंध में मानव संसाधन विकास विभाग से दिशा-निर्देश मांगा है. जैक ने विभाग से पूछा है कि क्या इन कॉलेजों के विद्यार्थियों को कक्षा 11वीं की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाय. विभाग के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.

जो कॉलेज मान्यता के मापदंड को पूरा करते हैं, उनके विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जायेगी. जो मान्यता के मापदंड को पूरा नहीं करते, वहां कैसे नामांकन हुआ इसकी भी जांच की जायेगी. उनको नामांकन नहीं लेना चाहिए था.
गीताश्री उरांव, शिक्षा मंत्री

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