रांची : ट्रैफिकिंग की शिकार सात बालिकाओं को दिल्ली से रांची से लाया गया. इन बालिकाओं को समाज कल्याण महिला एवं बाल विकास विभाग व सेव द चिल्ड्रेन के सहयोग से भारतीय किसान संघ की ओर से लाया गया.
सभी बालिकाएं दिल्ली में घरेलू बाल-श्रमिक के रूप में कार्य करती थीं. सात में से तीन बालिकाओं को न्यूनतम मजदूरी एवं मुआवजे के रूप में 1.98 लाख रुपये का भुगतान किया गया. सभी बच्चियां 29 नवंबर को रांची पहुंचीं. बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष रूप लक्ष्मी मुंडा ने बालिकाओं से लगभग एक घंटे तक बातचीत की. सभी बालिकाओं को विद्यालय से जोड़ा जायेगा. इससे पूर्व सारे बालिकाओं को बाल कल्याण समिति में पेश किया गया.
बाल कल्याण समिति ने सभी बालिकाओं के घर का पता लगा कर पुनवार्सित करने का निर्देश दिया. लड़कियों में देवी कुमारी, सोमवारी कुमारी, फिलोन पहान, (सभी खूंटी), मीना कुमारी, अनाली उरांव (गुमला) व धुला कुमारी व हीरामुनी कुमारी (दोनों गिरिडीह) की हैं.