रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को यहां स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य में किसी भी ढंग का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और यहां पारदर्शी शासन स्थापित कर सरकार को जवाबदेह बनाया जायेगा. झारखंड के 14वें स्थापना दिवस पर आज यहां मोरहाबादी में बिरसा मुंडा फुटबाल मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह बात कही.
उन्होंने दो टूक कहा, ‘‘आम जनता को बेहतर प्रशासन प्रदान करना और रोजगार आधारित विकास की ओर आगे कदम बढ़ाना सरकार की पहली प्राथमिकता है.’’उन्होंने कहा कि वह इस विवाद में नहीं पड़ना चाहते हैं कि आखिर राज्य बनने के बाद पिछले तेरह वर्षों में झारखंड का विकास क्यों नहीं हुआ वरन् वह राज्य को नये सिरे से विकास की उंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य को विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा करने का संकल्प आज सभी को मिलकर लेना होगा. हेमंत सोरेन ने कहा कि नई पीढ़ी को एकजुट होकर राज्य को खुशहाल और विकसित बनाना होगा और इसके लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठायेगी. हेमंत सोरेन ने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है. हमने दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों के खिलाफ लंबित मामलों पर त्वरित निर्णय लेकर यह संदेश दिया है कि काम में लापरवाही, कोताही और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम औपचारिकताओं में विश्वास नहीं रखते हैं बल्कि व्यावहारिकता में विश्वास रखते हैं.’’ इसके ही चलते इस वर्ष राज्य स्थापना दिवस की बजाय स्थापना पखवाड़ा मना रहा है जिसमें सभी प्रमंडल मुख्यालयों में जाकर वह स्वयं विकास कार्यों को देखेंगे और उन्हें गति पकड़ायेंगे. उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों में नियमों को दुरुस्त कर बड़े पैमाने पर नौकरियां दी गयी हैं. उदाहरण के तौर पर रांची में राजेन्द्र आयुर्विग्यान संस्थान एवं राज्य सरकार में अनुबंध पर कार्यरत 202 चिकित्सकों को स्थायी नौकरी दे दी गयी है. अनेक अन्य विभागों में भी कर्मचारियों की नियुक्ति की गयी है और यह प्रक्रिया तेजी से जारी रहेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 नवंबर को हजारीबाग में 100 कैदियों की क्षमता वाले पहले खुले जेल का उद्घाटन किया जायेगा जिसमें रखे जाने वाले 45 कैदियों और आत्मसमर्पण कर चुके 40 नक्सलियों की पहचान कर ली गयी है. उन्होंने राज्य के पत्रकारों के लिए पत्रकार बीमा योजना का भी शुभारंभ किया जिसके तहत पत्रकारों अथवा उनके परिजनों को पत्रकार की मृत्य या स्थायी अपंगता की स्थिति में पांच लाख रुपये दिये जायेंगे. इस बीमा योजना में 75 प्रतिशत प्रीमियम राशि राज्य सरकार देगी जबकि पत्रकार को 25 प्रतिशत राशि देनी होगी.
राज्य के सभी पंचायतों को गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए कंक्रीट का मार्ग बनाने के लिए इस वर्ष दस-दस लाख रुपये दिये जायेंगे.