धनबाद (झारखंड) : बिहार पुलिस ने विदेशों से भारतीय बैंकों से लाए गए धन को निकालने और पाकिस्तान के मोबाइल नंबर के एसएमएस के आधार पर उसे निर्धारित खातों में जमा करने के सिलसिले में झरिया से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
धनबाद के पुलिस अधीक्षक अनुप टी मैथ्यू ने यहां कहा, ‘‘बिहार में लखीसराय और मुंगेर की पुलिस ने फर्जी एटीएम कार्ड और बैंक खातों के सिलसिले में पूछताछ के लिए राजू साव को गिरफ्तार किया है. ‘‘मैथ्यू ने बताया कि बिहार पुलिस जब्ती के सिलसिले में जितेंद्र साव, पप्पू साव और बिटू साव को गिरफ्तार करने आयी थी लेकिन उनमें से कोई मौजूद नहीं था. तब जितेंद्र के भाई राजू को पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया.
पिछले बृहस्पतिवार को तब इस गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ जब एनआईए ने इसकी गुप्त सूचना दी और इस सिलसिले में 20-25 साल उम्र के चार बेरोजगार युवक गिरफ्तार किए गए. चारों के पास से 20 एटीएम कार्ड और 35 पासबुक बरामद हुए और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
लखीसराय पुलिस ने बताया कि उनसे पूछताछ से खुलासा हुआ कि वे गरीब लोगों का 2000 रुपए देकर उनके एटीएमकार्ड, बैंक पासबुक और चेकबुक का इस्तेमाल करते थे. इन खातों में उपयोग होने वाला धन विदेश से आता था. उसके बार धनराशि निकाल ली जाती थी और पाकिस्तान कोड वाले मोबाइल नंबरों से प्राप्त निर्देश के आधार पर निर्धारित खातों में उसे जमा कर दिया जाता था.
पुलिस के अनुसार ये युवक अपने काम के लिए 10 फीसदी कमीशन लेते थे. बोधगया में सात जुलाई के बम धमाके और 27 अक्तूबर को पटना में नरेंद्र मोदी की रैली में धमाकों की जांच अपने हाथों में मिलने के बाद एनआईए ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी नेटवर्क के पदाफार्श करने में जुटी है. इन धमाकों के बीच उसी का हाथ होने का संदेश है.