रांची: हेमंत सोरेन सरकार के कामकाज पर कांग्रेस ने नाराजगी जतायी है. दो टूक कहा है कि सरकार में समन्वय का अभाव है. साझा कार्यक्रम लागू नहीं हो पा रहा है. गंठबंधन की सरकार में व्यक्तिगत एजेंडे का कोई स्थान नहीं होता है. मौजूदा हालात में सुधार नहीं होता है, तो पार्टी इसे गंभीरता से लेगी.
विकास की गति तेज करने की पहल नहीं : प्रदेश कांग्रेस की ओर से मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ गुलफाम मुजीबी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार के कामकाज और विकास की गति तेज करने के लिए जो रूपरेखा तैयार की गयी थी, उसके सकारात्मक परिणाम नहीं दिख रहे हैं. साझा कार्यक्रम लागू करने की दिशा में कोई पहल नहीं हो रहा है. सरकार की कार्यप्रणाली में सुधार की जरूरत है. कांग्रेस पार्टी के सरकार में शामिल
होने से राज्य की जनता को काफी अपेक्षाएं हैं.लेकिन कामकाज के आधार पर राज्य की जनता के समक्ष जो संदेश जाना चाहिए था, उसमें सफलता नहीं मिल रही है.
कामकाज में सरकार पारदर्शिता लाये : प्रदेश कांग्रेस ने जारी बयान में राज्य सरकार से कामकाज में पारदर्शिता और समन्वय लाने को कहा है. कांग्रेस ने कहा है कि समन्वय स्थापित करते हुए समय सीमा के अंदर विकास कार्य में तेजी लायें. सरकार अपने काम से जनता के बीच संदेश देने का काम करे.
साझा कार्यक्रम ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है : राजद
सरकार के सहयोगी दल राजद के प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह ने कहा है कि कांग्रेस की चिंता जायज है. सरकार के काम से जनता के बीच विश्वास की भावना पैदा नहीं हो रही है. सरकार के लिए साझा कार्यक्रम तय किया गया था. घटक दलों ने मिल बैठक कर साझा कार्यक्रम बनाया था. लेकिन साझा कार्यक्रम ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. सरकार में निर्णय की क्षमता नहीं दिख रही है. सरकार के काम से नहीं लग रहा है कि जनता के बीच कोई संदेश जायेगा. पलामू सुखाड़ से निकला है. लोगों के राहत के लिए काम नहीं किये जा रहे हैं. सरकार गंठबंधन के दलों को विश्वास में लेकर चले.
अपने केंद्रीय नेतृत्व को बताये कांग्रेस : झामुमो
झामुमो ने कहा है कि सरकार में समन्वय का अभाव नहीं है. सरकार सामूहिक निर्णय से चल रही है. पार्टी महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा है कि कांग्रेस के आला नेताओं से सरकार लगातार संपर्क कर निर्णय लेती है. कैबिनेट में कांग्रेस के भी मंत्री बैठते हैं. सरकार के कामकाज में सुधार सबका दायित्व है. उन्होंने कहा कि समन्वय का अभाव है, तो केंद्रीय नेतृत्व के पास कांग्रेस अपनी बात रखे. हमने कांग्रेस के साथ समन्वय के लिए ही दिल्ली और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में समर्थन दिया है.