रांची: आदिवासियों को बैंक लोन मिलने का रास्ता जल्द साफ होगा. आदिवासियों को अपनी जमीन पर होम लोन और एजुकेशन लोन के प्रावधान को सरल किया जायेगा.
सीएनटी एक्ट के प्रावधान के कारण बैंकों द्वारा आदिवासियों को उनकी जमीन पर फिलहाल लोन नहीं दिया जा रहा है. बुधवार को विधानसभा की एसटी-एससी समिति के साथ विभिन्न बैंकों और एसएलबीसी के अधिकारियों की बैठक विधानसभा की हुई. समिति ने बैंकों से कहा कि वे सीएनटी एक्ट के आधार पर आदिवासियों को ऋण से वंचित न करें. बैंक लोन के प्रावधान को लचीला बनायें.
समिति के सभापति बंधु तिर्की ने कहा कि बैंक सरकारी कर्मियों को भी ऋण नहीं दे रहे हैं. नौकरी-पेशा से जुड़े आदिवासियों को लोन देने में परेशानी की वजह साफ नहीं है. बैंक एक प्रस्ताव तैयार करे कि सीएनटी एक्ट के प्रावधान के बीच आदिवासियों को कैसे लोन दिया जाये.
बैंक अधिकारियों ने समिति के सभापति श्री तिर्की को बताया कि होम और एजुकेशन लोन आदिवासियों को दिये जाने को लेकर प्रस्ताव बैंक द्वारा तैयार किया जायेगा. बैंक अपना प्रस्ताव समिति के माध्यम से सरकार को भेजेंगे. विधानसभा समिति ने विभिन्न बैंकों से राज्य गठन के बाद से आदिवासियों को दिये गये विभिन्न तरह के लोन की जानकारी मांगी है. बैंक अधिकारियों ने समिति को बताया कि 30 नवंबर तक रिपोर्ट समिति को सौंप दी जायेगी. कमेटी के सदस्य दीपक बिरुआ ने भी बैंक अधिकारियों से जानकारी मांगी. समिति के साथ बैठक में एसएलबीसी के डीजीएम जैन भूषण, केनरा बैंक के प्रमोद कुमार, सेंट्रल बैंक के श्रीनाथ दास, यूनाइटेड बैंक, एसबीआइ, बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.