रांची: पूर्व विधायक सरयू राय ने सिकिदिरी हाइडल में अनियमितता का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है. जांच का आदेश नहीं देने पर अनशन की चेतावनी भी दी है. श्री राय ने राज्यपाल को पत्र लिख कर कहा है कि 13 सितंबर को भी राज्यपाल से मिल कर उन्होंने सिकिदिरी हाइडल से संबंधित ठेके पर राज्य सरकार से प्रतिवेदन की मांग की थी, पर प्रतिवेदन नहीं दिया गया.
उन्होंने लिखा है कि ऐसा लगता है कि झारखंड सरकार ने इस मामले में भ्रष्टाचार और अनियमितता से समझौता कर लिया है. राष्ट्रपति शासन में तत्कालीन सलाहकार मधुकर गुप्ता के अनुरोध पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रलय ने इसकी जांच के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकार को अधिकृत किया था. टेक्निकल ऑडिट में उनके आरोप सही पाये गये, पर अफसोस है कि दोषियों को चिह्न्ति कर दंडात्मक कार्रवाई करने की जगह सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है.
श्री राय का आरोप है कि जेएसइबी और भेल की मिलीभगत से राज्य की विद्युत परियोजनाओं में लूट और भ्रष्टाचार चरम पर है. राजकोष का सुनियोजित अपव्यय हो रहा है. सिकिदिरी जल विद्युत परियोजना की मरम्मत 2.68 करोड़ रुपये की जगह 23.45 करोड़ रुपये में व पीटीपीएस की इकाई संख्या नौ और 10 की मरम्मत काफी ऊंची दर पर भेल से करायी गयी है. श्री राय ने राज्यपाल से कहा है कि सरकार द्वारा तीन सप्ताह के भीतर दोषियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाये. अगर समय-सीमा के भीतर सरकार कार्रवाई करने में विफल रहती है, तो छठ और मुहर्रम के बाद किसी भी दिन उन्हें अनशन पर बैठने के लिए विवश होना पड़ेगा.