-सोमवार देर रात डोरंडा के मणिटोला से गिरफ्तार किया गया सोनू
-जांच करने रांची पहुंची एनआइए व पटना पुलिस की टीम
-डोरंडा व सीठियो में पटना पुलिस ने देर रात की छापेमारी, कई संदिग्धों से पूछताछ
-रांची में भी ब्लास्ट की साजिश
-रांची में तैयार हो रहे हैं आतंकी
रांचीः पटना में रविवार को हुए सीरियल ब्लास्ट में शामिल पांच आतंकी रांची के एक ही गांव के रहनेवाले हैं. पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता एडीजी एसएन प्रधान ने बताया : सभी धुर्वा थाना क्षेत्र के सीठियो गांव के रहनेवाले हैं. ब्लास्ट में जिस तौफिक का नाम सामने आया है, वह इम्तियाज का भतीजा है. मो इम्तीयाज को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया : सीरियल ब्लास्ट में शामिल दो अन्य तारिक उर्फ ऐनुल और नुमान भी इसी गांव के रहनेवाले हैं. बताया जाता है कि मो हैदर भी सीठियो गांव का ही रहनेवाला है. देर रात पुलिस ने डोरंडा के मणिटोला से सोनू को पकड़ा.
कोलकाता जाने को कह कर निकले थे चारों : इस बीच नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम पटना ब्लास्ट की जांच करने सोमवार को रांची पहुंची. टीम में एनआइए के डीआइजी मुकेश सिंह और साजिद फरीद शापू में शामिल हैं. टीम के अधिकारियों ने डीजीपी राजीव कुमार से मुलाकात की. रांची जोन के आइजी एमएस भाटिया ने बताया : इम्तियाज समेत सभी चारों दो दिन पहले अपने-अपने घरों में यह कह कर निकले थे कि वे घूमने कोलकाता जा रहे हैं. पर कोलकाता जाने के बजाय सभी पटना पहुंच गये. रविवार रात इम्तियाज के घर से बरामद कागजात, सीडी और पेन ड्राइव की जांच की जा रही है. एनआइए के पदाधिकारी भी जांच में जुटे हुए हैं.
सिटी एसपी के नेतृत्व में टीम पटना गयी : डीजीपी राजीव कुमार के निर्देश पर सिटी एसपी मनोज रतन चौथे के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम को सोमवार सुबह पटना भेजा गया है. टीम ब्लास्ट में शामिल इम्तियाज से पूछताछ करेगी. यह जानकारी जुटायेगी कि रांची या झारखंड में आतंकी संगठन से जुड़े और कौन-कौन लोग हैं. वे किन-किन इलाकों में रहते हैं. उनके आगे की क्या योजना है. पटना गयी टीम यह भी पता लगायेगी कि इम्तियाज ने जेहादी बनने का प्रशिक्षण किससे लिया. किस-किस युवक को प्रशिक्षण दिया गया है.
मोतिहारी से रांची के युवक को पकड़ा
मोतिहारीः पटना में सीरियल ब्लास्ट के सिलसिले में सुरक्षा बलों ने मोतिहारी से एक व्यक्ति को उठाया है. सोमवार की देर शाम अचानक जवान कल्याणपुर के अलौला गांव पहुंचे जहां से एक युवक को अपने साथ ले गये. बताया जाता है कि उक्त युवक रांची में रह रहा था. वह वापस कब घर आया था इसके बारे में ग्रामीण भी नहीं बता पा रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिस युवक को साथ ले गयी है. वह रांची में क्या करता था ग्रामीणों को इनकी जानकारी नहीं है. युवक को हिरासत में लिए जाने के संबंध में पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. कल्याणपुर के थानेदार से लेकर डीएसपी तक ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि अगस्त में ही इंडियन मुजाहिद्दीन के सरगना यासीन भटकल को मोतिहारी के रक्सौल से गिरफ्तार किया गया था.
रांची में ब्लास्ट की साजिश!
रांची. छापामारी में इम्तियाज के घर से पुलिस को एक नक्शा भी मिला है. नक्शे की जांच की जिम्मेदारी धुर्वा थानेदार बीएन सिंह को दी गयी है. नक्शे के आधार पर इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि रांची के बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन पर भी विस्फोट किया जा सकता है. हटिया डीएसपी निशा मुरमू ने इसकी पुष्टि की है. नक्शे को लेकर विस्तृत जांच की जा रही है.
झारखंड आतंकियों का सेफ जोन
दुमका : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड आतंकियों के लिए सेफ जोन बन गया है. आतंकी इसे सेफ जोन समझ कर काम कर रहे हैं. जल्द ही वे इस मुद्दे को लेकर वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.
मुख्यमंत्री सोमवार को दुमका के राजभवन में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा : पटना ब्लास्ट को लेकर कई बातें सामने आयी हैं. सरकार जांच में सहयोग कर रही है. घटना का खुलासा भी हो रहा है. सरकार ने वरीय पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखी जाये. ऐसी घटनाएं न हो, यह सुनिश्चित की जाये. उन्होंने कहा : बिल्कुल सतर्कता के साथ गंभीरता से इस पर नजर बनाये रखने को कहा गया है.
–पूरा मैदान नहीं हुआ चेक, सिर्फ सिर गिनाने के लिए थे सुरक्षाकर्मी
-पुलिसकर्मियों के पास नहीं था पर्याप्त सुरक्षा उपकरण
-कल गांधी मैदान में एक और रैली
-लावारिस बैग से एयरपोर्ट व जंकशन पर दहशत
पटनाः हुंकार रैली को लेकर गांधी मैदान की सुरक्षा में डीएसपी से सिपाही तक को लगाया गया था. साथ ही खुफिया विभाग के भी कई अधिकारी सिविल ड्रेस में तैनात थे. इतनी बड़ी टीम की तैनाती के बावजूद आतंकी संगठन एक-दो नहीं 10 बमों को गांधी मैदान में प्लांट करने में कामयाब रहे. यह सुरक्षा में बड़ी चूक है. हुंकार रैली में आनेवाले लोगों पर नजर रखने के लिए मैदान के अंदर व बाहर दर्जन भर सीसीटीवी कैमरे व वाच टावर लगाये गये थे. इसके बावजूद आतंकी आराम से आये और बम प्लांट कर निकल गये. खुफिया सूत्रों के अनुसार गांधी मैदान में जहां-जहां बम फटे हैं, वहां इन्हें 26 की रात या इससे पहले लगाया गया होगा. सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के पास बमों की पहचान करने के पर्याप्त उपकरण नहीं थे.
डी एरिया को ही किया चेक
गांधी मैदान की सुरक्षा को लेकर पुलिस सप्ताह भर पहले से सजग थी. परिसर में जहां नरेंद्र मोदी का मंच बनाया गया था, पुलिस का फोकस सिर्फ वही स्थान था. पूरे गांधी मैदान को न तो रैली के एक पहले चेक किया गया और न ही रैली की सुबह. पुलिस ने डॉग स्क्वार्ड से भी सिर्फ डी एरिया यानी मंच के आस-पास के क्षेत्र की ही जांच की. एक वरीय पुलिस अधिकारी के मुताबिक पुलिस अगर खोजी कुत्ते को लेकर पूरे गांधी मैदान को चेक कर लेती, तो उसे जमीन के अंदर गाड़े गये बमों का बारे में जानकारी मिल जाती.
नहीं लगाया एंटी सबोटेज सिस्टम
गांधी मैदान में एंटी सबोटेज सिस्टम भी नहीं लगाया गया था, जबकि मोदी को जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध है. खुफिया सूत्रों का कहना है कि अगर गांधी मैदान में कई जगह एंटी सबोटेज सिस्टम लगा दिया जाता, तो इससे भी बमों के बारे में जानकारी मिल जाती और इतना बड़ा हादसा नहीं होता.
...और पसरा सन्नाटा
एक दिन पहले इसी गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी हुंकार भर रहे थे. लाखों की भीड़ थी. नेताओं और कार्यकर्ताओं के जोश से पूरा मैदान भारत माता की जय से गूंज रहा था. लेकिन, रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद दूसरे दिन सोमवार को गांधी मैदान में सन्नाटा पसरा रहा. प्रशासन ने जांच में कोई बाधा न हो, इसलिए गांधी मैदान को सील कर दिया. पूरा गांधी मैदान एक तरह से पुलिस छावनी में तब्दील नजर आया. मैदान के सभी (आठ) इंट्री प्वाइंट के गेट पर ताले लटक रहे थे.
-खबरदार ! कल गांधी मैदान में एक और रैली
पटनाः हुंकार रैली में बम विस्फोट के बाद 30 अक्तूबर की भाकपा माले की खबरदार रैली को लेकर संशय दूर हो चुकी है. रैली के लिए जिला प्रशासन ने सोमवार से ही गांधी मैदान भाकपा माले को तैयारी के लिए दे दिया. पार्टी के राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि जिला प्रशासन के साथ बैठक के बाद रैली के लिए मैदान मिल चुका है.
रैली के लिए मैदान पूरी तरह सुरक्षित है. अब यहां सब कुछ सामान्य है. सुरक्षा के उद्देश्य से पार्टी के एक हजार स्वयंसेवक यहां चौकस रहेंगे. सोमवार से ही पार्टी की एक टीम सक्रिय रहेगी. राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, जेएनयू एसयू के अध्यक्ष अकबर चौधरी सहित दिल्ली, पश्चिम बंगाल व झारखंड से लोग मंगलवार की सुबह ही पटना पहुंच जायेंगे. बाथे-बथानी-मियांपुर जनसंहार में हुए शहीद, फारबिसगंज, मधुबनी, बगहा, परैया व बगहा फायरिंग में मारे गये लोगों की याद में पश्चिम व दक्षिण द्वार का नाम होगा. उत्तरी गेट कौमी एकता द्वार होगा.
एनआइए की टीम ने की जांच
पटनाः बम विस्फोट के बाद सोमवार को गांधी मैदान में सन्नाटा पसरा रहा. सभी गेट बंद थे. आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगी थी. लोग गेट के पास जाकर रविवार की घटना की चर्चा कर रहे थे. हर कोई गेट से ही उस स्थल को देखने की कोशिश कर रहा था, जहां विस्फोट हुआ था. एनआइए की टीम सुबह से ही जांच में जुटी थी. इस बीच पुलिस को गांधी मैदान में कुछ और बम होने की सूचना मिली. बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंचे और बम की तलाश में जुट गये. शाम तक तलाशी जारी रही.
आम लोगों के प्रवेश पर रोक
पटनाः सुबह टहलना भी हुआ मुश्किल जिला प्रशासन द्वारा गांधी मैदान में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने से सुबह में टहलनेवाले लोगों को परेशानी हो रही है. सोमवार की सुबह कई लोग गांधी मैदान के समीप पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. सुबह करीब नौ बजे ठेला-खोमचावाले व फुटपाथी दुकानदार पहुंचे, पर उन्हें भी प्रवेश नहीं दिया गया. उन्होंने पुलिसकर्मियों से पूछा, .कब तक आपकी जांच पूरी हो जायेगी. हमें कब दुकान लगाने की इजाजत मिलेगी.. पर, किसी ने भी उनके सवाल का जवाब नहीं दिया.
किया गया था अलर्ट : जेटली
नयी दिल्ली. भाजपा ने रविवार को पटना में हुंकार रैली में हुए बम विस्फोटों को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर हमला बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस दावे को गलत बताया कि राज्य सरकार को किसी आतंकी हमले की कोई खुफिया चेतावनी नहीं दी गयी थी. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा, बिहार के मुख्यमंत्री और पुलिस अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्हें आतंकी हमले के संबंध में कोई खुफिया चेतावनी नहीं थी. यह तथ्यात्मक रूप से सही नहीं लगता. उन्होंने कहा कि खुफिया ब्यूरो (आइबी) ने एक अक्तूबर को बिहार के पुलिस महानिदेशक सहित विभिन्न राज्यों को लिखे पत्र में आम चेतावनी जारी की थी कि इंडियन मुजाहिदीन कुछ शहरों पर हमले की योजना बना रहा है. उनके अनुसार, 23 अक्तूबर को आइबी ने बिहार पुलिस को खासतौर पर चेतावनी दी कि नरेंद्र मोदी की पटना रैली को इंडियन मुजाहिदीन निशाना बना सकता है. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि मोदी की रैली में आतंकी हमले की चेतावनी के बाद भी नीतीश सरकार ने कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया.
लावारिस बैग से एयरपोर्ट व जंकशन पर दहशत
पटनाः सोमवार की सुबह एयरपोर्ट व शाम में पटना जंकशन पर लावारिस बैग मिलने से बम की अफवाह फैल गयी. इससे कुछ पल के लिए अफरातफरी मच गयी. हालांकि, आधे घंटे के अंदर बैग के दावेदार के सामने आ जाने से मामले का पटाक्षेप हो गया.
एयरपोर्ट पोर्टिको में मिला लावारिस बैग: सुबह करीब साढ़े 10 बजे एयरपोर्ट काउंटर के समीप यात्रियों को एक लावारिस बैग दिखा. आशंका होने पर यात्रियों ने इसकी सूचना एयरपोर्ट अथॉरिटी को दी. यह सुनते ही तत्काल सीआइएसएफ कर्मियों ने बैग को लेकर पूछताछ शुरू की. तत्काल कोई दावेदार सामने नहीं आने पर सुरक्षाकर्मी व यात्री तनाव में आ गये. सीसीटीवी फुटेज की जांच की गयी. इस बीच बलबीर नामक एक व्यक्ति ने बैग पर दावा जताया. जब उसने परिचयपत्र व बैग खोल कर दिखाया, तो सभी ने राहत की सांस ली. सुरक्षाकर्मियों ने उसे पांच सौ रुपये जुर्माना कर जम कर डांट पिलायी. मामला गंभीर होता देख बलबीर ने जुर्माना अदा कर सुरक्षाकर्मियों से माफी मांग ली और भविष्य में कभी ऐसी गलती न करने की बात कही. एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक बलबीर एयरपोर्ट पर किसी परिचित यात्री का इंतजार कर रहा था.
बैग से निकले कपड़े व कागजात: इधर, पटना जंकशन पर शाम करीब पांच बजे स्टेशन अधीक्षक कार्यालय में रखे बैग ने तनाव बढ़ा दिया. दरअसल, एक वीआइपी बैग इस कक्ष में काफी देर से रखा था. वीआइपी कक्ष में आने-जानेवाले यात्रियों की कई बार इस पर नजर पड़ी. आशंका हुई, तो उन्होंने एसएम से जानकारी ली. एसएम द्वारा अनभिज्ञता जताये जाने पर आशंका बढ़ गयी. तत्काल आरपीएफ व जीआरपी को सूचना दी गयी. कुछ देर बाद जीआरपी के जवान मौके पर पहुंचे जरूर, मगर कोई उस बैग को छूने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. आखिरकार सिपाहियों ने सफाईकर्मियों को बुला कर बैग खुलवाया, तो उसमें कपड़े व कागजात सहित अन्य घरेलू सामान पाये गये. इसके बाद बैग को जीआरपी ने अपने कब्जे में ले लिया. इस दौरान करीब पौन घंटे तक जंकशन पर अफरा-तफरी की स्थिति रही.
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