मांडऱ: मांडर के मुड़मा जतरा मेला को राजकीय मेला घोषित किया जायेगा़ साथ ही यहां दूरदराज से आनेवाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसकी व्यवस्था भी सरकार करेगी़.यह घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की़ वे सोमवार को जतरा मेले के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार आदिवासी व्यवस्था व धरोहर को बचाये रखने के लिए कृतसंकल्प है़.
मुड़मा जतरा भी राज्य की ऐतिहासिक धरोहर है़ यह और भी भव्य व बेहतर हो, इसका इंतजाम करने का प्रयास राज्य सरकार करेगी़ मुख्यमंत्री ने मेला स्थल पर स्थित जतरा खूंटा के सुंदरीकरण के लिए विधायक बंधु तिर्की की सराहना की. कहा : सभी समुदाय के लोगों ने जतरा को जो मजबूती और सम्मान दिया है़, उसका परिणाम है कि इसकी चर्चा अड़ोस पड़ोस के राज्यों मे भी होती है़ इस अवसर पर विधायक बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री का ध्यान सूखे की स्थिति के अलावा बीपीएल नंबर नहीं रहने के कारण लोगों को हो रही परेशानी की ओर आकृष्ट कराया. इससे पहले परंपरा के अनुसार विभिन्न पाड़हा के लोग पाड़हा निशान काठ के हाथी, घोड़े, मगर, बाघ, चीता, मछली, झंडे व रंपा चंपा के साथ नाचते गाते मेला स्थल पर पहुंच़े और जतरा खूंटा की परिक्रमा कर खोड़हा में बंट कर नाच गान प्रस्तुत किया़ अंतरराष्ट्रीय धावक बुधुआ उरांव भी काठ के हाथी पर सवार होकर मेले मे खोड़हा के साथ पहुंचे थ़े मेले में पश्चिम बंगाल, ओड़िशा व छत्तीसगढ़ से भी खोड़हा लेकर लोग शामिल होने पहुंचे थ़े दो दिन के इस मेले में इस वर्ष भारी भीड़ उमड़ी़ बिजली चालित झूले, मौत का कुआं, सर्कस, ड्रेगन रेस व जादू के खेल आकर्षण का केंद्र बने रह़े लोगों ने पारंपरिक हथियार, कृषि सामग्री, घरेलू उपयोग के सामान, सौंदर्य प्रसाधन, मिठाई, ईख, ढोल, नगाड़े व मांदर की भी जम कर खरीदारी की़.
समापन समारोह मे मानव संसाधन विकास मंत्री गीताश्री उरांव भी पहुंची थी़.समापन समारोह की अध्यक्षता धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने की़ संचालन प्रो प्रवीण उरांव ने किया़ मौके पर पूर्व विधायक देवकुमार धान, प्रमुख बुधुआ उरांव, अनिल उरांव, जतरू उरांव, रंथु उरांव, शिव उरांव, भीखा उरांव, शाकिर इस्लाही, कमले किस्पोट्टा, वीरेंद्र उरांव, मो मोजीबुल्लाह, बाबू पाठक, महादेव उरांव व मंगलदेव उरांव सहित अन्य मौजूद थ़े इधर शांतिपूर्ण मेला के संपन्न होने पर प्रशासन के अलावा राजी पाड़हा जतरा संचालन समिति के लोगों ने राहत की सांस ली है़.