रांची: देवघर जिले के 12 आंदोलनकारियों का मामला प्रथम दृष्टया फर्जी पाया गया है. झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिह्न्ीकरण आयोग द्वारा इनको शो कॉज किया जायेगा. इसके बाद सबके विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. आयोग ने सभी संबंधित जिलों के एसपी से विभिन्न थानों में दर्ज प्राथमिकी की मूल कॉपी की छाया प्रति मांगी थी.
कुल 15 जिलों में से अकेले देवघर जिले से यह प्राप्त हुई है. खुद को आंदोलनकारी बताने वाले लोगों के आवेदन में संलगA कागजात का मिलान इसी कॉपी से करने पर यह खुलासा हुआ है. ये सभी मामले जसीडीह थाने के हैं. इनमें से दो मामलों में आवेदकों ने आंदोलन या इससे संबंधित अन्य मामले में गिरफ्तार लोगों की सूची में अपना नाम अलग से जोड़ा है. वहीं कुछ मामलों में एसपी द्वारा भेजी गयी छाया प्रति व आवेदक के कागजात में भाषायी व सूचना संबंधी अंतर है. ऐसा करने वालों में एक अधिवक्ता भी शामिल हैं. आयोग को यह आशंका है कि अन्य जिलों में भी ऐसे मामले हो सकते हैं.
औपबंधिक सूची नहीं
इस घटना के बाद आयोग ने निर्णय लिया है कि अब आंदोलनकारियों की कोई औपबंधिक (प्रॉविजनल) सूची जारी नहीं होगी. विभिन्न एसपी से सभी कागजात मिल जाने पर इसके सत्यापन के बाद अंतिम सूची (फाइनल लिस्ट) जारी होगी.
गौरतलब है कि आयोग ने अब तक दो औपबंधिक सूची निकाली है. इस वर्ष 30 अप्रैल को निकाली गयी पहली सूची में 767 आवेदकों को तथा 31 मई को निकाली गयी दूसरी सूची में 400 आवेदकों को आंदोलनकारी के रूप में चिह्न्ति किया गया था. हालांकि यह अंतिम सूची नहीं थी.