रांची: भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गयी है. पार्टी के अंदर मोदी फैक्टर हावी है. मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के साथ-साथ पार्टी की रणनीति भी बदली है. पार्टी एक -एक बूथ तक पहुंचने की रणनीति पर काम कर रही है. पार्टी के बड़े से लेकर छोटे नेताओं को समान जिम्मेवारी मिलेगी. प्रदेश अध्यक्ष से लेकर वार्ड या पंचायत के कार्यकर्ता के जिम्मे एक बूथ होगा.
इसमें पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व सांसद और विधायक को भी शामिल किया गया है. इन बूथों पर पार्टी को मिलनेवाले वोट पर नजर रखनी होगी. भाजपा जमीनी स्तर पर बड़े-छोटे सभी नेताओं को काम में लगाना चाहती है.
इसके साथ ही जवाबदेही भी तय की जायेगी. यह बात भी स्पष्ट हो जायेगा कि किस पदाधिकारी की किस बूथ पर कितनी पकड़ रही. इधर, पूजा की छुट्टी खत्म होते ही कार्यकर्ता-नेता मैदान में जुट गये हैं. लोकसभा प्रभारी अपने क्षेत्रों में सक्रिय कार्यकर्ताओं की बैठक कर रहे हैं. मंडल व बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रणनीति बनाने की तैयारी चल रही है. राज्य के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों के 23970 बूथों की जिम्मेवारी पदाधिकारियों को दी जायेगी. चुनाव प्रचार महंगाई, भ्रष्टाचार व मोदी पर केंद्रित रहेगा.
नयी रणनीति
लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी पार्टी
प्रदेश अध्यक्ष से लेकर वार्ड के कार्यकर्ता पर होगी बूथ देखने की जवाबदेही
दिसंबर में मोदी की सभा
लोकसभा चुनाव को लेकर रांची में 15 या 22 दिसंबर को नरेंद्र मोदी की आमसभा होगी. इसे लेकर पार्टी के वरीय नेताओं के साथ नरेंद्र मोदी की बात हो चुकी है. ज्यादा भीड़ के लिए सभा का दिन रविवार चुना गया है
फिलहाल प्रत्याशियों के नाम नहीं घोषित होंगे
पार्टी फिलहाल प्रत्याशियों की घोषणा नहीं करेगी. कोलकाता में हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक में भी कहा गया था कि प्रत्याशियों के नाम घोषित हो जाने के बाद उम्मीदवार खुल कर क्षेत्र में प्रचार-प्रसार शुरू कर देंगे, लेकिन कोर कमेटी इस पर सहमत नहीं हुई. कहा गया कि केंद्रीय नेतृत्व ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. समय आने पर चुनाव अभियान समिति और संसदीय समिति प्रत्याशियों के नाम घोषित करेगी.