रांचीः नगर निगम चुनाव से एक दिन पूर्व होटल सिटी पैलेस से जब्त 21.90 लाख रुपये के मामले में सांसद सुबोधकांत सहाय और सुनील सहाय की भूमिका पर किसी तरह की जांच नहीं हो रही है. राष्ट्रपति शासन के दौरान सिटी डीएसपी पीएन सिंह को इस मामले में अनुसंधान की जिम्मेवारी मिली थी. दोनों के खिलाफ साक्ष्य एकत्र किये जा रहे थे. वहीं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों नेताओं के मोबाइल के लोकेशन निकाले जा रहे थे.
एसएसपी साकेत सिंह ने फुटेज के आधार पर होटल में पहुंचे लोगों की पहचान कर उनसे पूछताछ का निर्देश डीएसपी को दिया था. इसी आधार पर सुनील सहाय को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. जांच के दौरान पुलिस ने होटल में रुपये पहुंचाने वाले व्यक्ति की पहचान संतोष कुमार के रूप में की, लेकिन यह जांच सिर्फ राष्ट्रपति शासन के दौरान ही हुई.
आइटी की रिपोर्ट से अब यह स्पष्ट हो चुका है कि होटल से जब्त रुपये सुनील सहाय और निरंजन शर्मा के थे. हालांकि इस मामले में निरंजन शर्मा को जमानत मिल चुकी है. पुलिस ने सुनील सहाय के खिलाफ अब तक कोई जांच नहीं की है. सरकार गठन के बाद ताजा स्थिति यह है कि डीएसपी सुबोधकांत सहाय और सुनील सहाय के खिलाफ जांच तक नहीं कर रहे हैं. इनकी संलिप्तता से संबंधित जांच ठंडे बस्ते में हैं. डीएसपी ने सिर्फ निरंजन शर्मा, सुधीर साहू और रमा खलखो के खिलाफ ही जांच पूरी की. इन सभी के खिलाफ चाजर्शीट दाखिल की जा चुकी है. वर्तमान में डीएसपी ने सिटी एसपी के पास भी कोई ताजा रिपोर्ट नहीं भेजी है. सिटी एसपी सी मनोज रतन ने भी सुबोधकांत और सुनील सहाय की संलिप्तता के संबंध के बारे में कोई निर्णय अब तक नहीं लिया है. उल्लेखनीय है कि होटल सिटी में पैलेस में छापेमारी कर पुलिस ने 21.90 लाख रुपये जब्त किये थे. रुपये चुनाव के दौरान बांटे जाने थे.
पुलिस ने रुपये जब्त करने के बाद तत्काल निरंजन शर्मा और उनके कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया था. निरंजन शर्मा, सुधीर साहू और रमा खलखो के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया. प्राथमिकी में सुबोधकांत सहाय और सुनील सहाय का भी उल्लेख किया, लेकिन उन्हें प्राथमिकी अभियुक्त नहीं बनाया गया. डीएसपी पीएन सिंह ने इनकी भूमिका पर जांच शुरू की, लेकिन सिर्फ नाम के लिए.