बरही: शिक्षक दिवस पर या शिक्षक सम्मान के मौके पर राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक, हेड पंडित स्व सुखदेव राम बरबस याद आते हैं. उन्हें वर्ष 1962 में सुयोग्य व आदर्श शिक्षक का राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था. राष्ट्रपति पुरस्कार पानेवाले वे बरही के पहले शिक्षक थे. तत्कालीन विद्वान राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधा कृष्णन ने अपने हाथों से 25 अक्तूबर 1962 को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में समारोह पूर्वक प्रदान किया था. पुरस्कार स्वरूप उन्हें गोल्ड मेडल व प्रमाण पत्र मिला था.
उन्हें यह सम्मान बरही राजकीय मध्य विद्यालय के हेड मास्टर के रूप में किये गये उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया था. उस जमाने के लोग आज भी पंडित सुखदेव राम के समय बरही मध्य विद्यालय के अनुशासन व शैक्षणिक माहौल को याद करके आह्वादित होते हैं. पंडित सुखदेव राम बरही मिडिल स्कूल के ही छात्र रहे और पढ़ाई पूरी कर इसी में शिक्षक के पद पर बहाल हुए.
प्रधानाध्यापक के रूप में तो उनकी शख्सियत तो थी ही, शिक्षक के रूप में भी वे आदर्श थे. उनके व्यक्तित्व की बानगी यह है कि सेवा पुस्तिका के अनुसार उनका सेवानिवृति 1960 में ही होती थी, पर प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यो को मद्देनजर सरकार ने उनका सेवा विस्तार 1964 तक के लिए कर दिया था. उल्लेखनीय बात यह है कि उनका चयन जब राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए हुआ तो वे पुरस्कार लेने दिल्ली जाने में काफी संकोच कर रहे थे. वे बच्चों को आदर्श छात्र बनाने के फर्ज को सबसे बड़ा पुरस्कार मानते थे, मगर उनके सहकर्मी शिक्षक पंडित प्रभाकर शर्मा, मित्र मंडली के मुनीराम गुप्ता, बीपी कटरियार, रमजान मालवी ने प्रेरित किया. तब वह गये. तब जाकर पुरस्कार पाने दिल्ली गये थे. ऐसे थे मृदुभाषी, कर्मठ, अनुशासनप्रिय व छात्रों के प्रति स्नेहिल व्यवहार करनेवाले हेड पंडित सुखदेव राम.