रांची: समाज को बेपर्दगी से दूर रहने की जरूरत है. पश्चिमी सभ्यता जो हमारे ऊपर हावी है, उसे हावी नहीं होने दे. हमारा जो पहनावा है, उसे ही पहनें. उक्त बातें मौलाना असगर मिसबाही ने रांची ईदगाह में शुक्रवार को ईद की नमाज से पूर्व हुई तकरीर में कही. उन्होंने कहा कि इसलाम में शराब हराम है और इस पर पाबंदी लगनी चाहिए. औरतों, मां और बेटी को अच्छी नजर से देखना चाहिए और कोई उन पर जुल्म करें, तो उसे रोकना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा मुल्क हिंदुस्तान है और कोई भी इस पर नजर उठा कर देखेगा, तो उसकी खैर नहीं. ईद की खुशी में बाजा बजाना हराम है, इससे दूसरों को तकलीफ पहुंचती है. श्री मिसबाही ने दिन के 10.03 बजे ईद की नमाज शुरू करायी.
खुतबा के बाद दुआ हुई. दुआ में उन्होंने अल्लाह से दुआ की कि इन दिनों पाकिस्तान और चीन हमारे मुल्क पर हमला कर रहे हैं, उसके इरादों को नापाक करें. दुआ के बाद 10.24 बजे जनाजे की नमाज हुई. नमाज समाप्त होते ही लोगों ने एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद पेश की. यहां राज्यपाल डॉ सैयद अहमद ने भी नमाज पढ़ी. यहां भीड़ इतनी थी कि किशोरगंज चौक से पेट्रोल पंप के आगे तक लोग थे. इसके अलावा गली में भी बैठ कर लोगों ने नमाज अदा की. यहां अंजुमन की ओर से सारी व्यवस्था की गयी थी.
नमाज के बाद सांसद सुबोधकांत सहाय आदि ने लोगों को ईद की बधाई दी. उधर, डोरंडा ईदगाह में मौलाना अलकमा सिबली ने नमाज अदा करायी. रांची की विभिन्न ईदगाहों व मसजिदों में भी नमाज हुई. रांची, डोरंडा ईदगाह आदि जगहों पर स्वागत शिविर लगाकर लोगों को ईद की बधाई दी गयी और लोगों के बीच में मिठाई, खुजूर सहित अन्य चीजों का वितरण किया गया.