राज्य गठन के समय बेरोजगारों को रोजगार मिलने की उम्मीद जगी थी. अब तक बनने वाली सभी सरकारों ने रिक्त पदों पर जल्द नियुक्ति की घोषणा की, पर आज तक राज्य की सभी रिक्तियों को नहीं भरा जा सका. जो थोड़ी-बहुत नियुक्ति हुई, उनमें से कई नियुक्ति विवादों में उलझ गयी. नियुक्ति में गड़बड़ी की जांच चल रही है. इस आरोप में झारखंड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष व सदस्य को जेल तक जाना पड़ा. 14 वर्ष में अब तक चार सिविल सेवा परीक्षा हुई. पांचवीं परीक्षा की प्रक्रिया चल रही है. मुख्य परीक्षा शुरू होने से एक दिन पूर्व परीक्षा स्थगित कर दी गयी.
सुनील कुमार झा , रांची
राज्य में प्राथमिक विद्यालय से लेकर कॉलेज तक में शिक्षकों के पद रिक्त हैं. राज्य में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में सात बार बदलाव किया जा चुका है. नियमावली में आठवीं संशोधन की प्रक्रिया चल रही है. एक नियुक्ति प्रक्रिया पूरा करने में पांच से छह वर्ष गुजर जाते हैं. राजकीय व प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कोई नियमावली नहीं है.
उच्च राजकीय व प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय में लगभग 30 वर्ष से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है. राज्य में प्राथमिक से लेकर कॉलेज तक में शिक्षकों के लगभग 50 हजार पद रिक्त हैं. राज्य में हजारों बेरोजगार युवकों की उम्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने की आस में गुजर गयी.
नहीं हो सकी पांचवीं सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा
राज्य 14 वर्ष में अब तक मात्र चार सिविल सेवा परीक्षा हुई है. पांचवीं पीटी परीक्षा के बाद झारखंड लोक सेवा आयोग ने मुख्य परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली थी. परीक्षा शुरू होने से एक दिन पूर्व परीक्षा स्थगित कर दी गयी. आरक्षण को लेकर हुए विवाद के बाद परीक्षा स्थगित की गयी थी.
बिना पद के ही ले ली गयी पात्रता परीक्षा
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रावधान के अनुरूप मध्य विद्यालयों में कक्षा छह से आठ में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञान, कला व भाषा के एक-एक स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक का पद होना अनिवार्य है. शिक्षा विभाग ने मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा तो ले ली, पर मापदंड के अनुरूप पद का सृजन नहीं किया. शिक्षक पात्रता परीक्षा में कक्षा छह से आठ में नियुक्ति के लिए सफल लगभग 43 हजार परीक्षार्थी डेढ़ वर्ष से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. इस वर्ष अगस्त में मापदंड के अनुरूप पद सृजित किया गया तो नियमावली में संशोधन के नाम पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी.
2009 में लिया आवेदन 2014 में निकला रिजल्ट
राज्य के 230 अपग्रेड उच्च विद्यालय में 2513 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए वर्ष 2009 में प्रक्रिया शुरू हुई थी. इस दौरान नियुक्ति एजेंसी में दो बार बदलाव किया गया. दो परीक्षा हुई. परीक्षार्थी दो बार हाइकोर्ट गये. हाइकोर्ट के आदेश के बाद छह वर्ष में परीक्षा प्रक्रिया पूरी हुई. 2009 में शुरू हुई परीक्षा प्रक्रिया 2014 में पूरी हुई. गत माह रिजल्ट जारी हुआ, नियुक्ति पत्र का वितरण अब तक नहीं हुआ है.
खेल शिक्षकों की नियुक्ति
तीन बार लिया आवेदन पर नहीं हुई नियुक्ति
राज्य के गठन के बाद से झारखंड में खेल शिक्षक की नियुक्ति के लिए तीन बार आवेदन आमंत्रित किये गये, पर एक बार भी नियुक्ति नहीं हुई. राज्य में डीपीएड/बीपीएड प्रशिक्षण प्राप्त लगभग 20 हजार विद्यार्थी रोजगार के इंतजार में बैठे हुए हैं. सरकार ने विद्यालयों में शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया तो शुरू की पर नियुक्ति नहीं की. राज्य गठन के बाद सबसे पहले वर्ष 2002 में प्राथमिक विद्यालयों में खेल शिक्षक की नियुक्ति के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आवेदन आमंत्रित किया गया. इसमें 500 खेल शिक्षक के भी पद थे. पांच हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन जमा किया था. नियुक्ति के लिए परीक्षा भी हुई, पर रिजल्ट जारी नहीं हुआ. वर्ष 2005 में राज्य के उच्च विद्यालयों में 198 पदों पर खेल शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये थे. आवेदन जमा होने के बाद से आज तक नियुक्ति के लिए परीक्षा नहीं हुई. आवेदन जमा करने वाले विद्यार्थी आज तक परीक्षा होने का इंतजार कर रहे हैं. वर्ष 2006 में उच्च विद्यालयों में खेल शिक्षकों की नियुक्ति के लिए फिर प्रक्रिया शुरू हुई. सरकार ने खेल शिक्षकों को कंट्रैक्ट पर नियुक्त करने का निर्णय लिया, पर नियुक्ति नहीं हुई.