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झारखंड अपने कोयले से होगा मालामाल

नयी दिल्ली: 204 कोयला ब्लाकों की प्रस्तावित नीलामी से राज्यों के सरकारी खजाने में बड़ी राशि मिलने वाली है और विशेषकर झारखंड को इस मद में अगले तीस साल में 2.5-3.0 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. उच्च पदस्थ सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘झारखंड में, राज्य को अपनी सामान्य […]

नयी दिल्ली: 204 कोयला ब्लाकों की प्रस्तावित नीलामी से राज्यों के सरकारी खजाने में बड़ी राशि मिलने वाली है और विशेषकर झारखंड को इस मद में अगले तीस साल में 2.5-3.0 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. उच्च पदस्थ सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा, ‘झारखंड में, राज्य को अपनी सामान्य रायल्टी से ही 1.5 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे. (कोयला खानों की) नीलामी से राज्य को अगले तीस साल में कम से कम 2.5-3.0 लाख करोड़ मिलेंगे.’ सरकार 204 कोयला ब्लाकों की नीलामी के लिए नियमों को अंतिम रूप दे रही है. उच्च न्यायालय ने 1993 से विभिन्न कंपनियों को आवंटित इन खानों का आवंटन सितंबर में रद्द कर दिया था.

सूत्रों ने कहा कि सार्वजनिक व निजी, दोनों तरह की कंपनियों को कोयला खानों का आवंटन नीलामी के जरिये किया जायेगा. कोल इंडिया के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार ने इस कंपनी की उत्पादन क्षमता अगले पांच साल में एक अरब टन करने के लिए रणनीति बनायी है. कोल इंडिया दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन कंपनी है. देश के घरेलू उत्पादन में उसका हिस्सा 80 प्रतिशत है.

कंपनी ने बीते वित्त वर्ष में 46.2 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया था और यह अपने 48.2 करोड़ टन के लक्ष्य से चूक गयी थी. सूत्रों ने कहा कि सरकार का ध्यान कोयले के उठाव पर केंद्रित है और इसके लिए तीन प्रमुख रेल ढांचागत परियोजनाओं पर काम युद्धस्तर पर चल रहा है. उन्होंने कहा,‘छत्तीसगढ़ में रेल संपर्क पर काम चल रहा है जबकि सरकार झारखंड परियोजना पर वहां चुनाव पूरे होने पर काम तेज करेगी.’

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