रांची: पन्नालाल महतो दिल्ली स्थित एक प्लेसमेंट एजेंसी में काम करते-करते खुद प्लेसमेंट एजेंसी का संचालक बन गया. इसके बाद वह धीरे-धीरे मानव तस्करी का किंगपिन भी बना. इस बात की जानकारी पन्नालाल ने पूछताछ में सीआइडी के अधिकारियों को दी है. पन्नालाल ने सीआइडी के अधिकारियों को बताया कि वह खूंटी से काम की तलाश में करीब नौ वर्ष पूर्व दो अन्य युवकों के साथ दिल्ली पहुंचा था. पन्नालाल के साथ दिल्ली पहुंचे दो युवक कम पढ़े-लिखे थे.
इस वजह से उन्हें प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से नौकरी मिल गयी, लेकिन इंटर की पढ़ाई पूरी करने के कारण पन्नालाल किसी के घर में काम करने के लिए तैयार नहीं हुआ. तब प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक ने ही उसे अपनी एजेंसी में नौकरी पर रख लिया. तब पन्नालाल प्लेसमेंट एजेंसी के पास पहुंचनेवाले युवक-युवतियों को सप्लाई करने का काम करने लगा.
इसी दौरान पन्ना को पता चला कि सुनीता नामक एक अन्य महिला दिल्ली में एक व्यक्ति के साथ प्लेसमेंट एजेंसी का संचालन करती है, लेकिन संबंधित व्यक्ति के गिरफ्तार हो जाने की वजह से सुनीता अकेली पड़ गयी थी, जिसके बाद कामकाज के संबंध में पन्नालाल की नजदीकी सुनीता से बढ़ी. बाद में दोनों साथ मिल कर प्लेसमेंट एजेंसी का संचालन करने लगे. इसके बाद पन्नालाल ने सुनीता के साथ शादी कर ली.
रिमांड के दौरान दोनों पूछताछ में सीआइडी अधिकारियों को यह भी कह चुके हैं कि उनके जीवन का मूल उद्देश्य सिर्फ रुपये कमाना रहा था, क्योंकि दोनों ने अपना जीवन काफी गरीबी में गुजारा था. सीआइडी के वरीय अधिकारियों का कहना है कि सीआइडी को पन्नालाल की संपत्ति के बारे जो जानकारी मिली है. उसकी गहराई से जांच के लिए अलग-अलग टीम गठित की जायेगी. तीन दिन की रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद खूंटी पुलिस ने आरोपी पन्नालाल महतो को 31 अक्तूबर को जेल भेज दिया था.