रांची: झारखंड में 25 नवंबर को होने वाले पहले दौर के चुनाव में ही यूपीए गंठबंधन की प्रतिष्ठा दावं पर होगी. गंठबंधन के दो दल कांग्रेस और राजद के प्रदेश अध्यक्ष को अपनी जमीन पर कब्जा करना है.
पिछले चुनाव में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत लोहरदगा से और राजद के प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह गढ़वा से चुनाव हार गये थे. एक बार फिर दोनों प्रदेश अध्यक्ष अपने-अपने दल से उम्मीदवार हैं.
चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष की जीत-हार से पार्टी की साख जुड़ी है. वहीं यूपीए गंठबंधन के सात विधायकों को अपनी जमीन बचानी है. यह चुनाव गंठबंधन के लिए सबसे महत्वपूर्ण होगा. भवनाथपुर से अनंत प्रताप देव, विश्रमपुर से ददई दुबे और डालटेनगंज से केएन त्रिपाठी की सीट कांग्रेस को बचाने के लिए पसीना बहाना पड़ेगा. हालांकि विश्रपुर से ददई दुबे के बेटे अजय दुबे उम्मीदवार बनाये गये हैं.
वह कांग्रेस के लिए नया चेहरा हैं. इधर राजद का चतरा और हुसैनाबाद में कब्जा है. चतरा के विधायक जनार्दन पासवान और हुसैनाबाद के विधायक संजय प्रसाद यादव फिर से मैदान में होंगे. इधर जदयू का भी एक सीट पहले चरण के चुनाव में होगा. छतरपुर से सुधा चौधरी को सीट पर कब्जा जमाये रखने के लिए गंठबंधन का सहारा है.
गंठबंधन के पास ये सीटें
कांग्रेस : भवनाथपुर, विश्रमपुर, डालटनगंज
राजद : हुसैनादबाद, चतरा
जदयू : छत्तरपुर