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अतिक्रमण से प्रभावितों के लिए 21.57 एकड़ जमीन

रांची: राज्य सरकार ने अतिक्रमण हटाओ अभियान में बेघर हुए लोगों के घर बनाने के लिए नगर विकास विभाग को 21.57 एकड़ जमीन देने का फैसला किया है. साथ ही उपायुक्त को सीबीआइ का कार्यालय और आवास के लिए जमीन देने से संबंधित आदेश को रद्द करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का भी निर्देश […]

रांची: राज्य सरकार ने अतिक्रमण हटाओ अभियान में बेघर हुए लोगों के घर बनाने के लिए नगर विकास विभाग को 21.57 एकड़ जमीन देने का फैसला किया है. साथ ही उपायुक्त को सीबीआइ का कार्यालय और आवास के लिए जमीन देने से संबंधित आदेश को रद्द करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का भी निर्देश दिया है.राज्य सरकार ने अतिक्रमण हटाओ अभियान में बेघर हुए लोगों के लिए नगर विकास विभाग को मोरहाबादी, टिकरा टोली और हेहल में जमीन देने का फैसला किया है.

रांची के उपायुक्त की अनुशंसा के आलोक में नगर विकास विभाग को रांची के शहरी अंचल के मौजा मोरहाबादी में 4.80 एकड़, नगड़ी अंचल के टिकरा टोली में 9.05 एकड़ और रातू के हेहल में 7.72 एकड़ जमीन दी जा रही है.

इस जमीन पर बेसिक सर्विसेज टू अरबन पुअर्स (बीएसयूपी) योजना के तहत मकान बना कर अतिक्रमण हटाओ अभियान में बेघर हुए लोगों को मकान दिया जायेगा. 21.57 एकड़ में बीएसयूपी के तहत आवश्यकतानुसार मकान बनाने के बाद बाकी बची जमीन फिर से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को लौटा दी जायेगी. सरकार द्वारा नगर विकास विभाग को दी जा रही कुल 9.70 एकड़ जमीन शहरी भूहदबंदी के तहत अधिगृहीत की गयी थी. इसमें से सीबीआइ कार्यालय और सीबीआइ अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवास बनाने के उद्देश्य से 4.90 एकड़ जमीन की बंदोबस्ती केंद्रीय गृह मंत्रलय के साथ करने का फैसला किया गया था.

इसके लिए सरकार ने 29/8/2003 को राज्यादेश जारी किया था. गृह मंत्रलय ने न तो अब तक इस जमीन की बंदोबस्ती के लिए राज्य के साथ एकरारनामा किया है न ही इसके लिए निर्धारित राशि दी है. इसलिए सरकार अब इस जमीन की बंदोबस्ती से संबंधित राज्यादेश को रद्द करना चाहती है, ताकि किसी और काम के लिए इस जमीन का इस्तेमाल किया जा सके. इसके मद्देनजर सरकार ने रांची के उपायुक्त को यह निर्देश दिया है कि वह राज्यादेश को रद्द करने के लिए नियमानुसार प्रस्ताव तैयार कर सरकार के पास भेजें.

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