रांची: झाविमो विधानसभा चुनाव में गंठबंधन को व्यापक बनाने में जुटा है. झाविमो की कोशिश है कि आनेवाले चुनाव में मासस को भी साथ लेकर चला जाये. बोकारो-धनबाद के खास क्षेत्रों में मासस की अच्छी पकड़ है.
मासस नेताओं के साथ बाबूलाल मरांडी की बातचीत भी हुई है. इसमें चुनाव को लेकर संभावित गंठबंधन पर चर्चा हुई. मासस नेता सुशांतो सेन और हलधर महतो ने बाबूलाल से संपर्क साधा था. इसमें कई सीटों पर समझौता को लेकर प्रारंभिक बातचीत हुई है. मासस की कोशिश है कि वामदलों के बीच संभावित गंठबंधन को लेकर चर्चा हो. वाम दलों के साथ झाविमो, झामुमो, आजसू जैसी पार्टियों के साथ एक बड़े गंठबंधन पर पार्टी मंथन कर रही है. 12 सितंबर को वामदलों की संयुक्त बैठक होने वाली है. इसमें मासस इस एजेंडे को दूसरे वाम दलों के समक्ष भी रखेगा.
चार से पांच सीटों पर झाविमो के साथ हो सकता है गंठबंधन : झाविमो की कोशिश है कि मासस के साथ चार से पांच सीटों पर गंठबंधन हो. जिन सीटों पर मासस मजबूत है, उसे छोड़ दिया जाये. वहीं कोयलांचल की दूसरे सीटों पर मासस से मदद लेकर चुनाव में उतरे. मासस के प्रभाव वाले क्षेत्रों में इसका फायदा झाविमो को मिल सकता है.
झाविमो नेताओं के साथ हमारे दल के लोगों की बातचीत हुई है. बाबूलाल मरांडी के साथ गंठबंधन पर चर्चा की गयी है. हमारी कोशिश है कि लेफ्ट और क्षेत्रीय दल एक साथ आयें. भाजपा को रोकना है तो झाविमो, झामुमो, आजसू और लेफ्ट का गंठबंधन बने. वामदलों की बैठक में भी इस पर सहमति बनाने की कोशिश होगी. लेफ्ट की बैठक जल्द ही होने वाली है.
सुशांतो, मासस नेता