खूंटी: पीएलएफआइ के एरिया कमांडर पांडा मुंडा ने बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती एवं डीजीपी राजीव कुमार के समक्ष हथियार के साथ आत्मसमर्पण कर दिया. पांडा मुंडा के खिलाफ विभिन्न थानों में कुल 11 मामले दर्ज हैं.
पुलिस को काफी दिनों से उसकी तलाश थी. गुरुवार को खूंटी एसपी कार्यालय में उसने आत्मसमर्पण किया. कुछ दिन पहले ही वह एसडीपीओ दीपक शर्मा के संपर्क में आया था. उन्होंने उसे सरेंडर करने की सलाह की थी. एसडीपीओ इससे पहले पूर्व पीएलएफआइ के एरिया कमांडर चरकू पाहन एवं नागेश्वर पाहन को भी सरेंडर करा चुके हैं.
एक अन्य उग्रवादी (एरिया कमांडर) के भी गुरुवार की शाम खूंटी में पुलिस के समक्ष सरेंडर किए जाने की चर्चा है. हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है. बताया जाता है कि वह पीएलएफआइ का निष्कासित सदस्य था. पांडाके सरेंडर करने पर उसकी पत्नी को मुख्य सचिव ने सरेंडर पॉलिसी के तहत 50 हजार रुपये की राशि सौंपी. बाकी रकम व अन्य सुविधाएं सरेंडर पॉलिसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद देने का आश्वासन दिया.उग्रवादी ने 7.62 की राइफल व तीन जिंदा कारतूस पुलिस को सौंपी.
यह बेहतर प्रयास है: सजल चक्रवर्ती
मुख्य सचिव ने कहा कि पांडा मुंडा ने पुलिस व सरकार पर भरोसा कर सरेंडर किया. समाज के मुख्यधारा से जुड़ने का उसने बेहतर प्रयास किया है. पहले सरेंडर पॉलिसी में कई विसंगतियां थीं, लेकिन अब सरकार के पास नयी व पारदर्शी पॉलिसी है. सरेंडर करनेवाले नक्सलियों-उग्रवादियों से दोस्ताना व्यवहार किया जायेगा पॉलिसी का समुचित लाभ दिया जायेगा. सीएस ने कहा: संबंधित परिवार की सुरक्षा की जिम्मेवारी पुलिस विभाग की होगी. बच्चों को अच्छी परवरिश दी जायेगी. डीजीपी ने कहा कि पांडा मुंडा को हजारीबाग स्थित ऑपेन जेल में रखा जायेगा.
राइफलवा लॉक हऊ न बॉस.
मुख्य सचिव ने सरेंडर के दौरान पांडा मुंडा को गले से लगा लिया. उन्होंने कहा: कहा यार पहले फोटो खिचवाओ. सीएस ने उसके साथ हंसी मजाक की. पांडा मुंडा ने जैसे ही उन्हें राइफल सौंपी, उन्होंने कहा: बॉस राइफलवा के सेफ्टी लॉक लगल हऊ न. फिर उसे गले लगाते हुए सजल चकवर्ती ने राइफल को लहराते हुए कहा कि बोल भइवा एक बार अंतिम बार. लाल सलाम. मुख्य सचिव के दोस्ताना रवैये पर पांडा भी हंस रहा था. रुपये का लिफाफा सौंपने हुए उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा: भइवा आधा हमरो दे देभि का.