रांची: प्रीति मामले में निदरेष अभिमन्यु कुमार उर्फ मन्नु गुरुवार की शाम करीब 6.30 बजे जमानत पर जेल से रिहा हुआ. उसे लेने उसके परिजन होटवार जेल पहुंचे थे. जेल से निकलने के बाद उसने कहा कि वह पुलिस अफसर बनेगा और इस प्रकार के झूठे केस में फंसानेवाले पुलिसकर्मियों को सजा देगा. उसने कहा कि इस मामले में जिन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है, उन्हें बर्खास्त करना चाहिए, ताकि किसी का जीवन बरबाद नहीं हो सके.
घृणा करते थे कैदी: अभिमन्यु के अनुसार जेल जाने के बाद तीनों दोस्तों से वहां के कैदी भी घृणा करते थे, लेकिन प्रीति के जिंदा लौटने के बाद कैदियों ने हमदर्दी जतायी. उसने कहा कि पुलिस की बहाली में शामिल होने के लिए ही वह 11 मई को बिहार (गया) गया था. उसने कहा कि प्रीति से उनकी दोस्ती थी. अमरजीत,अजीत को पुलिस ने काफी प्रताड़ना दी है. उसने बताया कि सात मई को कुर्की-जब्ती का आदेश होने के बाद उसने 15 मई को सरेंडर किया था.
पैर छूकर लिया आशीर्वाद
जेल से निकलने के बाद अभिमन्यु ने पिता कृष्णा यादव,दादा सिद्धेश्वर यादव, पिता के मित्र संजय सिन्हा को पैर छूकर प्रणाम किया. कृष्णा यादव ने बताया कि सुबह वह पूरे परिवार के साथ अभिमन्यु को लेकर मंदिर जायेंगे. अभिमन्यु का एक छोटा भाई पवन कुमार है.
पूरी खुशी नहीं मिली: पिता
अभिमन्यु के जेल से निकलने बाद पिता कृष्णा यादव ने कहा कि जेल से निकलने की खुशी है, लेकिन पूरी खुशी नहीं. क्योंकि बिना जुर्म के उनके पुत्र को करीब दो माह तक जेल में रहना पड़ा. वहीं पूरे परिवार को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ा. कृष्णा यादव एचइसी में पेटी ठेकेदार का काम करते हैं. वे धुर्वा के न्यू एसटी क्वार्टर नंबर-702 के रहनेवाले हैं.