रांची: राज्य के सहकारी बैंकों में अधिकारी और कर्मचारी के रूप में पदस्थापन के लिए शनिवार को एटीआइ सभागार में 134 लोगों को नियुक्ति पत्र बांटे गये. समारोह में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बहुत बड़ा दायित्व दिया जा रहा है. इसे ईमानदारी से निभाने की जरूरत है. सरकार चाहती है कि पंचायती राज व्यवस्था मजबूत हो. इसमें बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण है. बैंक ग्रामीणों को जितना सहयोग करेंगे, उतना विकास होगा.
उच्च स्तरीय सुविधा मिलेगी
राज्य के आइटी विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने कहा कि को-ऑपरेटिव बैंकों में सीबीएस, ऑन लाइन, मोबाइल बैंकिंग, डीबीटी के साथ-साथ आरटीजीएस की सुविधा भी दी जायेगी. कई प्रकार के लोन भी मिलेंगे. काफी प्रयास के बाद सहकारिता बैंकों को ऑन लाइन किया जा रहा है.
शिक्षा ऋण में दो फीसदी छूट देने पर विचार
वित्त मंत्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षा ऋण में दो फीसदी छूट देने पर विचार कर रही है. बैंकों को चाहिए कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी पढ़ाई के लिए ऋण दें. इससे ज्यादा से ज्यादा लोग बैंकों से जुड़ पायेंगे. सहकारिता विभाग के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी ने कहा कि सहकारिता बैंक में किसानों को विशेष छूट मिलेगी. बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि कैसे लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले.
115 करोड़ लेना है केंद्र से
सहकारिता विभाग के सचिव केके सोन ने कहा कि सहकारिता बैंक को केंद्र से 115 करोड़ रुपये लेना है. बिहार सरकार के पास 30 करोड़ रुपये बकाया है. सरकार इसे लेने में सहयोग करे, तो बैंक की स्थिति मजबूत हो जायेगी. 1988 के बाद पहली बार विभाग में नियुक्ति हो रही है. आरबीआइ के पास कई प्रस्ताव लंबित हैं. इस मौके पर आरबीआइ के महाप्रबंधक सौरभ सिन्हा भी मौजूद थे.
आरटीजीएस व डीबीटी सुविधा शुरू की गयी
मुख्यमंत्री ने शनिवार को सहकारिता बैंक से आरटीजीएस व डीबीटी की सुविधा शुरू की. इसका उद्घाटन समारोह में किया गया.