रांची : पूर्व आइपीएस अधिकारी और लोहरदगा से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि वह मोदी की लहर के कारण नहीं हारे हैं, बल्कि स्थानीय कारणों से हार हुई है.
मोदी का लहर होता, तो वह लाख-दो लाख वोट से हारते. डॉ उरांव ने प्रदेश नेतृत्व के कामकाज पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा: चुनाव के समय गुमला के जिलाध्यक्ष बदल दिये गये. एक प्रख्यात नहीं, बल्कि कुख्यात को जिलाध्यक्ष बना दिया.
आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाये जाने से कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी. जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ता को हतोत्साहित करने का काम किया. डॉ उरांव ने कहा कि मेरे चुनाव में जिलाध्यक्ष कभी भी नहीं आये. हमने चुनाव में जुटने का आग्रह किया, लेकिन उसके लोग विरोध में काम करते रहे. डॉ उरांव ने कहा कि इसकी शिकायत मैंने प्रदेश अध्यक्ष से भी की थी. प्रदेश अध्यक्ष ने कोई कदम नहीं उठाया. डॉ उरांव ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने खुद भी समय नहीं दिया. चंदू और किस्को में सभा कर इतिश्री कर ली. जितना समय देना चाहिए था, नहीं दिया. सुखदेव भगत लोहरदगा से चुनाव लड़ते हैं. दो-चार महीने के बाद चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अपना घर नहीं बचा पाये.