शिकारीपाड़ा/दुमका : बुधवार को नक्सल प्रभावित शिकारीपाड़ा में पहली बार ट्रेन पहुंची, तो उसे देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे थे. बरसात के बाद इस मार्ग पर परिचालन शुरूकराया जायेगा. नार्थन सह इस्टर्न सर्किल के कमिश्नर ऑफ रेलवे शेफ्टी (सीआरस) पीके वाजपेयी ने बुधवार को यहां पहुंच कर निर्माणाधीन दुमका-रामपुरहाट रेल परियोजना के अंतर्गत दुमका से शिकारीपाड़ा तक रेल लाइन का निरीक्षण किया.
श्री वाजपेयी ने बताया कि जांच करने के बाद वे आठ-दस दिनों के अंदर रेलवे को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे, जिसके बाद रेल परिचालन की दिशा में पहल की जायेगी. उनके साथ निरीक्षण में पहुंचे हावड़ा मंडल के डीआरएम ए दत्ता ने बताया कि जांच के दौरान कुछ छोटी-मोटी खामियां पाई गयी हैं. जिसे सुधारने को कहा गया है.
ट्रॉली में बैठकर पहुंची पूरी टीम : इंसपेक्शन को लेकर कड़ी धूप में हावड़ा रेल मंडल के विभिन्न ब्रांच के पदाधिकारियों के साथ सीआरएस शिकारीपाड़ा पहुंचे.
24 किमी से अधिक लंबे इस ट्रैक को मोटर ट्रॉली में बैठककर पदाधिकारियों ने निरीक्षण किया. इस दौरान जगह-जगह रुक कर अधिकारियों ने रेलवे ट्रैक का बारिकी से जांच किया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिया.
सुरक्षा को लेकर बरती जा रही थी चौकसी
रेलवे के बड़े अधिकारी मोटर ट्रॉली से ही धीमी गति से शिकारीपाड़ा की ओर रवाना हुए, तो अगली और पिछली ट्राली में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल ट्रैक के इर्द-गिर्द पैनी नजर रखे हुए थे. दरअसल शिकारीपाड़ा का इलाका नक्सल प्रभावित इलाका है. दस दिन पूर्व 24 अप्रैल को नक्सलियों ने लैंड माइंस विस्फोट कर पांच पुलिसकर्मियों समेत आठ लोगों की जान ले ली थी.