रांची: साहेबगंज में पुलिस की लापरवाही से आठ बांग्लादेशी पासपोर्ट बनवाने में सफल हो गये. सभी ने साहेबगंज के पते से ही अपना पासपोर्ट बनवाया. हालांकि 10 दिन बाद ही सूचना मिलने पर पासपोर्ट कार्यालय की रांची शाखा ने सभी का पासपोर्ट रद्द कर दिया.
सभी को पत्र जारी कर रद्द पासपोर्ट वापस करने को कहा है. इस मामले का खुलासा मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित डीजीपी आपके द्वार कार्यक्रम में हुआ. मामला सामने आने के बाद डीजीपी राजीव कुमार ने कार्यक्रम में मौजूद स्पेशल ब्रांच के एडीजी रेजी डुंगडुंग तत्काल जांच शुरू करने का आदेश दिया है.
कैसे सामने आया मामला : डीजीपी आपके द्वार कार्यक्रम में पासपोर्ट बनवाने और नौकरी आदि के लिए पुलिस की ओर से जांच कर दिये जानेवाले प्रमाण पत्रों की समीक्षा चल रही थी. साहेबगंज जिले की समीक्षा के दौरान रीजनल पासपोर्ट अफसर सनातन ने मामले को उठाया. उन्होंने बताया : करीब चार माह पहले साहेबगंज पुलिस के वेरिफिकेशन के आधार पर आठ लोगों का पासपोर्ट निर्गत किया गया था. पासपोर्ट निर्गत किये जाने के 10 दिन बाद साहेबगंज एसपी का पत्र प्राप्त हुआ. इसमें बताया गया कि जिन आठ लोगों का पासपोर्ट वेरिफिकेशन किया गया था, वे सभी बांग्लादेशी हैं. इसलिए उनके पासपोर्ट रद्द किये जायें. इस सूचना पर पासपोर्ट कार्यालय ने सभी के पासपोर्ट रद्द कर दिये. संबंधित एजेंसी को इसकी सूचना दी गयी.
मामले सामने आने पर सकते में अधिकारी : रीजनल पासपोर्ट अफसर सनातन की ओर से मामला उठाये जाने पर डीजीपी सहित कार्यक्रम में मौजूद सभी अधिकारी सकते में आ गये. साहेबगंज एसपी कार्यालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े पदाधिकारियों से पूछताछ की जाने लगी. पूछा गया कि सत्यापन कैसे किया गया. पता चला कि मामला राधानगर थाना क्षेत्र का है. एसपी छुट्टी पर हैं. डीएसपी ने मामले में अनभिज्ञता जाहिर की. राजमहल के इंस्पेक्टर वीडियो कांफ्रेंसिंग में सामने नहीं आये. वहां मौजूद स्पेशल ब्रांच के अधिकारी ने बताया : रिपोर्ट जल्दी में भेजनी थी. इसलिए पूरी जांच किये बिना ही रिपोर्ट भेज दी गयी. बाद में जब स्पेशल ब्रांच और थाने के पुलिस पदाधिकारी सभी आठ लोगों के गांव पहुंचे, तो पता चला कि वे बांग्लादेशी है. इसके बाद एसपी ने मामले की जानकारी पासपोर्ट कार्यालय को दी.
साहेबगंज पुलिस से पूछे गये सवाल : कार्यक्रम में एडीजी स्पेशल ब्रांच ने सवाल उठाया कि बिना जांच के रिपोर्ट देनेवाले अफसरों पर क्या कार्रवाई की गयी. आइजी प्रोविजन अनुराग गुप्ता ने सवाल उठाया कि जिन लोगों ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी या नहीं. पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के समय जो कागजात दिये गये थे, वह कहां से निर्गत हुए थे. साहेबगंज एसपी कार्यालय में बैठे पदाधिकारियों के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं था.
‘‘हमें मामले की जानकारी नहीं थी. किस परिस्थिति में ऐसा हुआ है, कैसे 10 दिन बाद यह रिपोर्ट आ गयी कि आवेदक बांग्लादेशी हैं. लापरवाही किस स्तर पर हुई है. इन सबका पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है. जांच के बाद संबंधित पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी.
राजीव कुमार, डीजीपी, झारखंड
स्पेशल ब्रांच के एडीजी को दिया जांच का आदेश
सूचना मिलने के बाद रद्द
किये गये पासपोर्ट
सभी को पत्र लिख कर पासपोर्ट जमा करने का आदेश
साहेबगंज पुलिस की लापरवाही
पुलिस ने इन लोगों का सत्यापन कैसे किया
पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के समय जो कागजात दिये गये थे, वह कहां से निर्गत हुए
पुलिस सभी आठ लोगों पर अब तक क्यों नहीं की कार्रवाई
आतंकियों का काम तो नहीं
आठ बांग्लादेशी लोगों की ओर से पासपोर्ट बनवाने की जानकारी मिलने के बाद इस बात की आशंका जतायी जा रही है कि कहीं सभी लोग आतंकी या बड़े आपराधिक गिराहों से जुड़े तो नहीं थे. इस सवाल पर डीजीपी राजीव कुमार ने कहा कि जांच के बाद ही सब स्पष्ट हो पायेगा.
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सहारे उसने पासपोर्ट बनवाया था
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