रांची: स्कूल प्रबंधन वर्ष में चार महीने का किराया बिना बस चलाये ही वसूल लेता है. स्कूल प्रबंधन वर्ष में तीन से चार माह का किराया बिना बस चलाये ही वसूल लेते हैं. मिली जानकारी के अनुसार निजी स्कूलों में वर्ष में 210 से 220 दिन ही कक्षाएं चलती हैं. लगभग चार माह स्कूलों में कक्षाएं नहीं चलती है. लगभग एक माह से अधिक गरमी का अवकाश होता है. जाड़े में स्कूल लगभग एक माह तक बंद रहते हैं. वार्षिक परीक्षा होने के बाद नये शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के दौरान भी अधिकांश स्कूल 15 से 20 दिन दिन तक बंद रहते हैं. इस तरह गरमी, जाड़े व वार्षिक परीक्षा के बाद नये सत्र शुरू होने के बीच कुल मिलाकर स्कूलों में तीन माह का अवकाश रहता है.
कुछ स्कूलों को छोड़कर अधिकांश स्कूल इस दौरान भी स्कूल बस किराया वसूल लेते हैं. इस तरह बिना बस चलाये ही स्कूल प्रबंधन किराया वसूल लेता है. स्कूल बसों को मिलने वाली कर में रियायत का लाभ भी शुल्क में नहीं दिया जाता.
नहीं लेना है गरमी छुट्टी का किराया
झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण के निर्देश के अनुरूप स्कूलों को गरमी की छुट्टी के दौरान बस किराया नहीं लेना है. राजधानी के कुछ स्कूल इसका पालन करते हैं. अधिकांश स्कूल इस निर्देश को नहीं मानते. गरमी की छुट्टी में एक बस नहीं चलाने से लगभग 40 हजार रुपये की बचत होती है. इस दौरान स्कूलों को केवल ड्राइवर व खलासी को ही वेतन देना होता है.
स्कूल बसों को टैक्स में भी मिलती है छूट
परिवहन विभाग के प्रावधान के अनुरूप स्कूल के नाम से निबंधित बसों को एडिशनल टैक्स में 50 फीसदी की छूट भी दी जाती है. स्कूल बसों को टैक्स में छूट इस शर्त के साथ दी जाती है कि वे इसका लाभ बच्चों को बस किराया में देंगे. जिला परिवहन कार्यालय द्वारा इस संबंध में स्कूलों से जानकारी मांगी गयी, पर एक भी स्कूल ने इस संबंध में जिला परिवहन कार्यालय को जानकारी नहीं दी.