चार साल से नहीं हो रहा है नये भवन में स्थानांतरण
मुकेश तिवारी
रमकंडा(गढ़वा) : रमकंडा प्रखंड के बघमरिया स्थित अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय की छात्राओं की स्थिति अत्यंत दयनीय है. छात्राओं का शैक्षणिक व जीवनस्तर को उन्नत बनाने के उद्देश्य से खोले गये इस आवासीय विद्यालय में रहनेवाली छात्राओं को एक ही कमरे में रहना, खाना, पढ़ना व सोना पड़ता है. विद्यालय में गरमी के मौसम में बिजली की सही आपूर्ति नहीं होने से 200 छात्राओं को काफी परेशानी होती है. यहां तक की पीने के पानी के लिए भी तरसना पड़ता है. शौचालय का पानी खुले में बहने से भी हमेशा बीमारी की आशंका बनी रहती है.
इस समस्या से निजात दिलाने के लिए महुआधाम के पास छात्रवास, विद्यालय व शिक्षकों के आवास का निर्माण कराया गया है. करीब 2.50 करोड़ की लागत से बना यह भवन पिछले चार साल से बनकर तैयार है. लेकिन संवेदक की लापरवाही के कारण यह भवन छात्राओं को शिफ्ट होने के पूर्व ही जजर्र होने लगा है. इस भवन का शिलान्यास तत्कालीन विधायक गिरिनाथ सिंह ने वर्ष 2008 में किया था. 2010 में भवन बनकर तैयार भी हो गया. लेकिन छोटी-छोटी समस्याओं के कारण भवन जजर्र होने लगा है. भवन को खाली पड़ा देख बरसात के दिनों में इस भवन में मूसहर लोग रहते हैं.