रांचीः राज्यसभा चुनाव-2012 में हॉर्स ट्रेडिंग के पांच आरोपियों के विरुद्ध बुधवार को आरोप गठन (चार्जफ्रेम) की कार्रवाई पूरी कर ली गयी. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने बुधवार को विधायक सीता सोरेन व उनके निजी आप्त सचिव राजेंद्र मंडल के विरुद्ध आरोप गठन किया.
इससे पहले शेष अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप गठन हो चुका है. सीता सोरेन के पिता बोधनाथ मांझी के अब तक फरार होने की वजह से फिलहाल उन्हें ट्रायल से अलग रखने का फैसला किया गया है. मामले की सुनवाई 25 अप्रैल से शुरू होगी. विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने सीता सोरेन व राजेंद्र मंडल के विरुद्ध वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आरोप गठन की कार्रवाई पूरी की.
अदालत में इन अभियुक्तों को उन पर लगे आरोपों की जानकारी दी. विधायक सीता सोरेन पर निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल से 1.5 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप है. मंडल को इस मामले में मध्यस्थता करने, पैसा पहुंचाने और खुद भी 50 लाख रुपये लेने का आरोप है. न्यायिक प्रक्रिया के दौरान दोनों अभियुक्तों ने सीबीआइ द्वारा लगाये गये इन आरोपों को अस्वीकार करते हुए खुद को निदरेष बताया.
हॉर्स ट्रेडिंग के इस मामले में निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल, निर्दलीय प्रत्याशी पवन धूत व सहयोगी सुनील महेश्वरी के खिलाफ पहले आरोप गठन हो चुका है.सीता सोरेन के पिता की कुर्की-जब्ती के बावजूद अब तक अदालत में हाजिर नहीं होने की वजह से सीबीआइ के अनुरोध पर 25 अप्रैल से शुरू होनेवाली सुनवाई से उसे अलग रखने का फैसला लिया गया है. मांझी के पकड़ में आने के बाद उनके खिलाफ आरोप गठन की कार्रवाई पूरी की जायेगी.