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हॉस्टल में छात्रा के साथ अमानवीय व्यवहार मामला: हॉस्टल की छात्राओं से गलत कराने की होती है कोशिश, करायें जांच

दुमका/रांची: राज्य महिला आयोग ने दुमका के एसपी महिला कॉलेज के हॉस्टल में एक छात्रा को निर्वस्त्र करने व उसके फोटो को वायरल किये जाने के मामले में अपनी जांच रिपोर्ट सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के वीसी और जिला प्रशासन को सौंप दी है. आयोग की रिपोर्ट में कुछ गंभीर आराेप हैं. कहा गया है कि […]

दुमका/रांची: राज्य महिला आयोग ने दुमका के एसपी महिला कॉलेज के हॉस्टल में एक छात्रा को निर्वस्त्र करने व उसके फोटो को वायरल किये जाने के मामले में अपनी जांच रिपोर्ट सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के वीसी और जिला प्रशासन को सौंप दी है. आयोग की रिपोर्ट में कुछ गंभीर आराेप हैं. कहा गया है कि छात्राओं को बहला-फुसला कर हॉस्टल में लाया जाता है और उनका ब्रेन वॉश किया जाता है. रिपोर्ट में छात्राओं से गलत काम कराये जाने की आशंका भी जतायी गयी है. आयोग ने जिला प्रशासन से इसकी सत्यता की जांच कराने काे भी कहा है.
आयोग ने क्या-क्या कहा
रिपोर्ट के अनुसार, आयोग की अध्यक्ष जब कॉलेज में जांच के लिए पहुंचीं, तब जानकारी मिली कि हॉस्टल की लड़कियां रात में दीवार फांद कर निकलती हैं और बाइक में लड़कों के साथ निकल जाती हैं. राज्य महिला आयोग ने अपनी रिपोर्ट में एसपी महिला कॉलेज के प्राचार्य, वार्डेन एवं दोषी छात्राओं पर कार्रवाई करने की बात भी कही है. इसके अलावा पीड़ित छात्रा का बयान भी दफा 164 के तहत अदालत में कराने को कहा है.
इस मामले में अब तक हो चुकी है कई कार्रवाई
इस मामले के सामने आने के बाद सबसे पहली कार्रवाई प्राचार्य पर ही हुई थी. प्राचार्य के पद से डॉ रेणुका नाथ को हटाया जा चुका है. डॉ सुष्मिता बोस को उनकी जगह जिम्मेदारी सौंपी गयी है. चार दोषी छात्राओं व फोटो वायरल करने वाले दो युवकों को जेल भेजा जा चुका है.

वहीं, तत्कालीन वार्डेन अंजू मुर्मू जो पूरे घटनाक्रम से वाकिफ थीं, उनको न सिर्फ हटाया गया है, बल्कि उनसे हॉस्टल सुप्रींटेंडेंट का आवास तक खाली करा लिया गया है. कॉलेज के दोनों हॉस्टल में क्रमश: चंपावती सोरेन व रीना नीलिमा लकड़ा हॉस्टल सुप्रीटेंडेंट के रूप में बहाल की गयी हैं. हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. इधर, महिला थाना की पुलिस भी 164 के तहत पीड़िता का बयान दर्ज करा चुकी है.
इतना छूट होने का मतलब क्या है? हमलोग जो रिपोर्ट भेजते हैं, उसे गुप्त रखते हैं. जो हमने जांच की थी, उसकी रिपोर्ट भेज दी है. पूछताछ में सामने आया था कि वहां डिसिप्लीन नाम की कोई चीज नहीं थी. कोई भी आता-जाता था. प्रिंसिपल का कोई कंट्रोल नहीं था. शिक्षकों की भी मनमानी थी.
कल्याणी शरण, अध्यक्ष
राज्य महिला आयोग
पीड़िता ने कहा: समाज में सिर उठाकर जीना चाहती हूं
एसपी महिला कॉलेज के हॉस्टल में 1 अगस्त को जिस छात्रा को निर्वस्त्र कर प्रताड़ित किया गया था, वह छात्रा अब खुद ही सामने आयी है. उसने राज्यपाल को एक पत्र भेजा है तथा सरकारी अथवा गैर सरकारी किसी भी तरह की नौकरी दिलाने का अनुरोध किया है, ताकि वह आर्थिक व मानसिक रूप से सशक्त होकर स्वावलंबी जीवन व्यतीत कर सके तथा अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सके. उसने आवेदन में कहा है कि वह गरीब परिवार से तालुकात रखती है. उसके साथ जो अमानवीय घटना हुई, उसे देखते लोक-लाज के कारण मां-बाप चाहते हैं कि वह घर पर ही रहे. लेकिन मैं बोझ नहीं बनना चाहती हूं. मैं घर के अंदर नहीं, समाज में सिर उठाकर सम्मानपूर्वक जीना चाहती हूं. एक सशक्त, स्वतंत्र एवं स्वावलंबी जीवन जीना चाहती हूं. पीड़िता ने बताया कि उसे इस मामले में राज्य सरकार व जिला प्रशासन से सहयोग मिल रहा है. शुरू में वह अपमानित महसूस करती थी, लेकिन दुमका नगर परिषद‍ अध्यक्ष, जिला परिषद‍ अध्यक्ष व वी की सदस्यों ने उसका आत्मविश्वास बढ़ाया.
क्या था पूरा मामला
कॉलेज के डी-वन की एक छात्रा को मोबाइल चोरी के आरोप में बस स्टैंड से दो छात्राएं पकड़ कर हॉस्टल ले गयीं थी. वहां उसे प्रताड़ित किया गया था. बंधक बनाये रखा गया था. निर्वस्त्र कर उसकी तस्वीर कुछ छात्राओं ने अपने पुरुष मित्रों को वायरल कर दी थी. मामले में उसके अभिभावकों को बुलाकर पंचायती भी की गयी थी. बाद में मामला तूल पकड़ा, तब पुलिस ने मामला दर्ज किया. बाद में महिला आयोग की टीम भी जांच के लिए पहुंची थी.

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