मामले के सूचक गोपाल घोष ने आरोप लगाया था कि पिठौरिया के बाढ़ू में दो हजार वर्ग फीट जमीन की खरीदारी के लिए संजीवनी बिल्डकॉन से एग्रीमेंट हुआ था.
जिस जमीन को खरीदार ने पसंद किया था, उसकी जगह पर दूसरी जगह की जमीन बेच दी गयी. बेची गयी जमीन की रजिस्ट्री भी हो गयी थी, पर बाद में मुकदमा चलने के दौरान अपनी गवाही में गोपाल प्रसाद ने कहा था कि इस मामले में समझौता हो गया है. गलतफहमी में आकर केस कर दिया था. वह दूसरी जमीन से भी संतुष्ट हैं.