बिजली विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण शुक्रवार को टाटीसिलवे थाना क्षेत्र के शिवशक्ति नगर में पांच वर्षीय समीर कुमार की मौत हो गयी. घटना सुबह 8:00 बजे की है. समीर गांव के रंजीत यादव का पुत्र था. घटना के बाद ग्रामीणों में बिजली विभाग के कर्मचारियों के प्रति रोष है. ग्रामीणों ने बिजली विभाग के स्थानीय कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही मृत बच्चे के परिजनों के लिए मुआवजे की भी मांग उठायी है.
नामकुम : शिवशक्ति नगर के लोगों ने बताया कि गुरुवार रात गांव में बिजली की अर्थिंग का तार टूट कर गिर गया था. सुबह जब ग्रामीणों की नजर टूटे तार पर पड़ी, तो उन्होंने इसकी जानकारी इलाके के कनीय अभियंता सुमन कुमार को दी. कनीय अभियंता के निर्देश पर सुबह 7:00 बजे बिजली मिस्त्री चरकू गांव में पहुंचा. यहां मिस्त्री ने ग्रामीणों से तार उठाने के लिए 1000 रुपये मांगे. ग्रामीणों ने रुपये देने में असमर्थता जतायी, तो चरकू तार उठाये बिना ही वहां से लौट गया.
हैरत की बात यह है कि तार टूटने की जानकारी मिलने के बाद भी विभाग की तरफ से बिजली नहीं काटी गयी थी. करीब एक घंटे बाद रंजीत यादव का पांच वर्षीय बेटा समीर कुमार खेलते-खेलते तार के पास चला गया. उस समय तार में करंट दौड़ रही थी. तार के संपर्क में आते ही बच्चा एक बार जोर से चीखा और उसके बाद शांत हो गया. उसकी चीख सुनकर जब तक ग्रामीण मौके पर पहुंचते तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी. ग्रामीणों ने किसी तरह बिजली का कनेक्शन कटवाया और बच्चे को लेकर रिम्स पहुंचे. यहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया.
सीओ ने तत्काल 10 हजार रुपये मुआवजा दिया : घटना की जानकारी मिलने के बाद टाटीसिलवे थाना प्रभारी ने इसकी सूचना नामकुम सीओ मनोज कुमार और बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता अभय कुमार को दी. इसके बाद सीओ ने पीड़ित परिवार को 10,000 रुपये तत्काल मुआवजा दिया. साथ ही बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा. अधिकारियों ने रंजीत के परिवार को सरकार से मिलने वाली दूसरी सहायता भी दिलाने का भरोसा दिलाया है.
जर्जर तारों को बदलने का काम शुरू : उधर, रांची पूर्वी एरिया के कार्यपालक विद्युत अभियंता अभय कुमार ने कहा कि नामकुम घटना बेहद अफसोस जनक है. तार गिर कर टूट गया था. उसमें करंट था. बच्चा तार के संपर्क में आ गया. घटना की सूचना मिलने पर मैं खुद पुलिस और अन्य अधिकारियों के साथ वहां पहुंचा था. पीड़ित परिवार को तत्काल 10,000 रुपये का मुआवजा दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद बिजली विभाग की ओर अन्य राशि दिलाने की कार्रवाई भी की जायेगी. श्री कुमार ने कहा कि घटनास्थल पर जर्जर पड़े तारों को बदलने का काम तुरंत शुरू कर दिया गया है. घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्षेत्र के सभी खराब तारों को बदला जा रहा है.
चार साल पहले कुएं में डूब गया था समीर का भाई
समीर के पिता रंजीत यादव दिव्यांग हैं और टाटीसिलवे स्थित ब्रेड फैक्टरी में काम कर अपना परिवार चलाते हैं. समीर उनके तीन बच्चों में सबसे छोटा था. वर्ष 2013 में भी रंजीत के बड़े बेटे की मौत कुएं में डूबने से हो गयी थी. चार साल बाद दूसरे बेटे की मौत से पूरे गांव में शोक है. समीर की मां रो-रो कर बेसुध हो चुकी है. वहीं, परिवार के दूसरे सदस्यों का भी रो-रो कर बुरा हाल है.