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31 मई को किया डिबार 16 दिन बाद आदेश वापस
रांची : राज्य सरकार के मोमेंटम झारखंड के आयोजन में नॉलेज पार्टनर की भूमिका निभानेवाली कंपनी अर्नेस्ट एंड यंग(इवाइ) को डिबार करने संबंधित आदेश 16 दिनों में ही वापस ले लिया गया है. नगर विकास विभाग की कंपनी जुडको ने तीन वर्षों के लिए डिबार करने संबंधित आदेश 31 मई को जारी किया था. इस […]
रांची : राज्य सरकार के मोमेंटम झारखंड के आयोजन में नॉलेज पार्टनर की भूमिका निभानेवाली कंपनी अर्नेस्ट एंड यंग(इवाइ) को डिबार करने संबंधित आदेश 16 दिनों में ही वापस ले लिया गया है. नगर विकास विभाग की कंपनी जुडको ने तीन वर्षों के लिए डिबार करने संबंधित आदेश 31 मई को जारी किया था. इस आदेश के तहत तीन वर्षों तक कंपनी नगर विकास के किसी टेंडर में हिस्सा नहीं ले सकती थी. पर 16 मई को जुडको के परियोजना निदेशक डीके सिंह ने एक कार्यालय आदेश जारी कर 31 मई के आदेश को रद्द कर दिया है.
कंपनी ने समय पर काम पूरा करने का वादा किया है : डीके सिंह : जुडको के परियोजना निदेशक डॉ डीके सिंह ने कहा कि इवाइ द्वारा काम में विलंब किया गया था. जिसके कारण उसे डिबार किया गया था. पर कंपनी के कंट्री हेड गौरव तनेजा ने लिखित दिया है कि इएसआइए का काम समय पर पूरा किया जायेगा. कंपनी द्वारा धनबाद, खूंटी, देवघर व हुसैनाबाद में इएसआइए का काम किया जा रहा है. अब कंपनी गंभीर हुई है. जिसके कारण डिबार करने संबंधित आदेश वापस लिया गया है. झारखंड सरकार द्वारा फरवरी माह में आयोजित मोमेंटम झारखंड के आयोजन में अर्नेस्ट एंड यंग नॉलेज पार्टनर रहा है. अभी भी यह कंपनी उद्योग विभाग के नॉलेज पार्टनर के रूप में काम कर रही है. साथ ही सिंगल विंडो व निवेश से संबंधित सारा कामकाज इसी कंपनी द्वारा किया जा रहा है. सिंगल विंडो कार्यालय में इवाइ के करीब 25 लोग काम करते हैं. इसके एवज में कंपनी को प्रतिवर्ष 2.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है. मल्टीनेशनल कंपनी अर्नेस्ट एंड यंग का मुख्यालय न्यूयार्क में है.
क्या है मामला : नगर विकास विभाग के अधीन कंपनी जुडको द्वारा वर्ल्ड बैंक परियोजना के तहत नगर निकायों में कई काम कराया जाना है. इसके तहत सड़क, पाइपलाइन, सिवरेज के कार्य किये जाने हैं. इन कार्यों के सोशल एंड इनवायरमेंट असेसमेंट (इएसआइए) का काम अर्नेस्ट एंड यंग को दिया गया था. पर काम में विलंब और रिपोर्ट सही तरीके से तैयार नहीं करने के आरोप में अर्नेस्ट एंड यंग को डिबार कर दिया गया था. इसके बाद अर्नेस्ट एंड यंग के कंट्री हेड गौरव तनेजा ने इस मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा व नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव से बात की. तब आदेश वापस लिया गया.
विकास आयुक्त ने भी रोक लगा दी थी
इधर नगर विकास द्वारा डिबार किये जाने के आदेश के बाद पिछले दिनों राज्य के अपर मुख्य सचिव अमित खरे ने अर्नेस्ट एंड यंग कंपनी को कौशल विकास का काम देने पर पाबंदी लगा दी थी. राज्य कौशल विकास मिशन द्वारा इस कंपनी को 39 करोड़ रुपये के कौशल विकास का काम देने का प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजा गया था. पर विकास आयुक्त ने यह कहते हुए इवाई को कौशल विकास का काम देने पर पाबंदी लगा दी कि जब सरकार की एक इकाई किसी संस्था के काम को असंतोषप्रद मानते हुए उसे डिबार कर चुकी हो, तो ऐसी स्थिति में सरकार की दूसरी इकाई संबंधित संस्था को काम नहीं दे सकती है. हालांकि इवाइ के सूत्रों ने बताया कि अब डिबार का आदेश ही समाप्त कर दिया गया है, तब ऐसी स्थिति में कौशल विकास का काम भी मिल सकता है.
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