पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस अधिकारी भी इस पर विचार कर रहे हैं, ताकि तीनों को एक साथ सरेंडर कराया जा सके. तीनों के सरेंडर करने से यह भी फायदा होगा कि बुंडू, तमाड़ और उसके आसपास से सटे इलाके में कोई बड़ा नक्सली नहीं बचेगा. सहमति के बाद साधारण कार्यक्रम में तीनों को सरेंडर कराया जा सकता है.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नक्सली कुंदन पाहन के सरेंडर के बाद तीनों नक्सलियों ने पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर सरेंडर की इच्छा जाहिर की थी. तीनों ने संपर्क कुछ दूसरे लोगों के जरिये किया था, क्योंकि तीनों नक्सलियों को संगठन में लानेवाला कुंदन पाहन ही था. तीनों कुंदन पाहन की बात भी मानते थे. इस वजह से तीनों नक्सलियों पर कुंदन पाहन के सरेंडर करने का प्रभाव पड़ा था. हालांकि जब कुंदन पाहन के सरेंडर का विरोध होने लगा, तब तीनों नक्सली सरेंडर करने पर दोबारा विचार करने लगे और इलाका छोड़ दिया. अब वे दोबारा सरेंडर करने पर विचार कर रहे हैं. इसलिए वे कुछ दूसरे लोगों के जरिये पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं.