रांची : पुलिस के समक्ष सरेंडर करने वाले नक्सलियों-उग्रवादियों के लिए समारोह का आयोजन नहीं किया जायेगा. न ही पुलिस के सीनियर अफसर ऐसे नक्सलियों-उग्रवादियों के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवायेंगे. नक्सलियों के सरेंडर को लेकर सरकार नयी गाइड लाइन जारी करने पर विचार कर रही है.
इसके साथ ही नक्सलियों-उग्रवादियों के लिए बनी सरेंडर पाॅलिसी के कुछ बिंदुओं में भी मामूली बदलाव किया जा सकता है. सरकार के शीर्ष अधिकारी इस पर भी विचार कर रहे हैं. जल्द ही इसको लेकर अधिकारियों की बैठक होगी, जिसमें दोनों बिंदुओं पर फैसला लिया जायेगा.
14 मई को भाकपा माओवादी के पूर्व नक्सली कुंदन पाहन ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष सरेंडर किया था. कुंदन पाहन को सरेंडर कराने के लिए समारोह आयोजित करने और उसे रॉबिन हुड की तरह मीडिया के सामने पेश किये जाने को लेकर पुलिस विभाग की आलोचना हुई थी. सरकार और पुलिस के सीनियर अफसरों को समाज के हर वर्ग की आलोचना झेलनी पड़ी थी. भाजपा के सांसद रवींद्र राय ने भी डीजीपी को पत्र लिख कर सरेंडर के तरीके को लेकर आपत्ति जतायी थी. अधिवक्ताओं ने कुंदन पाहन का केस नहीं लड़ने का फैसला लिया था.