दिल्ली की रोहिणी अदालत ने नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म और फिर हत्या के सीरियल किलर रविंद्र कुमार को उम्र कैद की सजा सुनाई है. रविंदर को कोर्ट ने छह साल के बच्चे के अपहरण, हत्या और शारीरिक हमले के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि दोषी ने नृशंसता पूर्वक दुष्कर्म और हत्या की है. यह कृत्य इतना वीभत्स और अमानवीय है कि दोषी अदालत से किसी भी तरह की दया या सहानुभूति के लायक नहीं है.
2015 के हत्या और दुष्कर्म मामले में सजा: अदालत ने 2015 में छह साल की बच्ची के अपहरण, दुष्कर्म और हत्या के मामले में गुरुवार को रविंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने रविंद्र को छह मई को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 के तहत अपराधों और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 ए और 302 के तहत दोषी करार दिया है.
अदालत से दया की उम्मीद नहीं: दुष्कर्म और हत्या के मामले में रविंद्र को लेकर सहायक सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार ने कहा कि अपराध दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी में नहीं आता है, लेकिन दोषी का कृत्य इतना वीभत्स और अमानवीय है कि वह अदालत से किसी भी तरह की दया या सहानुभूति के लायक नहीं है. न्यायाधीश ने कहा कि यह अपराध किसी शिकारी की हरकत से कम नहीं है और इसने समाज की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है.
अपने फैसले में न्यायाधीश ने कहा कि दोषी ने बर्बरता से दुष्कर्म के बाद हत्या की है. न्यायाधीश ने सबूतों को ध्यान में रखते हुए कहा कि जहां पर अपराधी ने वारदात को अंजाम दिया वहां संघर्ष के निशान भी मिले हैं. उन संकेतों से पता चलता है कि पीड़ित ने रविंदर का जोरदार विरोध किया था, लेकिन दोषी एक राक्षस की तरह उनपर कोई दया नहीं दिखाई और हत्या कर दिया.
पुलिस ने लगाया ये आरोप: दिल्ली की रोहिणी अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के सामने पुलिस ने तर्क दिया था कि आरोपी रविंदर एक मनोरोगी हत्यारे के रूप में कुख्यात है. पुलिस ने कहा कि आरोपी ने 2008 से लेकर 2015 के बीच 30 से अधिक नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म की और फिर उसकी हत्या कर दी. वहीं, मामले की सुनवाई में अदालत ने कहा कि पुलिस दोषी के खिलाफ छह साल के बच्ची के अपहरण उसकी हत्या और शारीरिक हमले के मामले अपराध साबित करने में सफल रही है.
भाषा इनपुट के साथ