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जानें वायु गुणवत्ता को आपातकालीन श्रेणी में कब माना जाता है? दिल्ली में प्रदूषण का राजस्थान से क्या है कनेक्शन

Delhi NCR Air Pollution राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में रहने वाले लोगों को आगामी पांच दिनों तक वायु प्रदूषण के प्रकोप से राहत मिलती नहीं दिख रही है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता के खराब श्रेणी में रहने की संभावना जताई जा रही है.

Delhi NCR Air Pollution राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में रहने वाले लोगों को आगामी पांच दिनों तक वायु प्रदूषण के प्रकोप से राहत मिलती नहीं दिख रही है. दिल्ली की वायु गुणवत्ता के खराब श्रेणी में रहने की संभावना जताई जा रही है. बताया जा रहा है कि हवा की सुस्त रफ्तार के साथ कोहरा प्रदूषण लोगों की मुसीबत और बढ़ाएगा. इस सबके बीच, दिल्ली-एनसीआर में जबरदस्त प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार हरकत में आई है.

इसी के मद्देनजर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की बिगड़ते हालात के मद्देनजर रविवार को आकस्मिक आधार पर एक अहम बैठक की है. जिसमें दिल्ली समेत संबंधित राज्यों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत इमरजेंसी उपायों को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश दिया है.

पर्यावरण मंत्रालय की कमेटी ने माना कि दिल्ली-एनसीआर में मौजूदा वायु गुणवत्ता थार रेगिस्तान की दक्षिण-पश्चिमी दिशाओं से आने वाली धूल भरी आंधी से बहुत अधिक प्रभावित हुई है. इसके अलावा धान की पराली जलाने, वाहनों से होने वाले प्रदूषण, दिवाली के बाद के प्रदूषण, तापमान में गिरावट जैसे पांच कारणों से ये स्थिति आई है.

एक बयान में कहा गया है कि आपात बैठक में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को सलाह दी है कि वे संबंधित एनसीआर जिलों में दिल्ली सरकार द्वारा लागू किए गए उपायों पर विचार करें. साथ ही आयोग ने संबंधित राज्यों और एजेंसियों को जीआरएपी के तहत सूचीबद्ध आपातकालीन उपायों को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने को कहा है.

बताया गया कि वायु गुणवत्ता को आपातकालीन श्रेणी में तब माना जाता है, जब पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 48 घंटे या उससे अधिक समय तक क्रमशः 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर बना रहता है. आयोग ने यह भी कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के खराब होने का एक कारण यह भी है कि थार रेगिस्तान में धूल भरी आंधी से भारी मात्रा में धूल आई, जिसने पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर बढ़ा दिया.

सीएक्यूएम ने हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को वायु प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए स्कूलों को बंद करने के साथ-साथ निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर रोक लगाने जैसे निवारक उपायों पर विचार करने की रविवार को सलाह दी. बता दें कि दिल्ली सरकार ने शनिवार को स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को सोमवार से एक सप्ताह के लिए बंद करने की घोषणा की थी. साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों, एजेंसियों और स्वायत्त निकायों के कर्मियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है. हालांकि, इसमें जरूरी सेवाएं शामिल नहीं हैं. राष्ट्रीय राजधानी में 17 नवंबर तक निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधि की इजाजत नहीं है.

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