Bihar Weather Forecast, Bihar news, Flood Live Updates : बिहार के 10 जिलों की 765191 आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गयी है जिनमें से 36448 लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है । आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 10 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण एवं खगडिया जिले के 64 प्रखंडों के 426 पंचायतों की 636311 आबादी बाढ से प्रभावित है जहां से हटाये गए 13877 लोग 28 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्रू डू ने बताया कि 147 सामुदायिक रसोई चलायी जा रही है, जिनमें 80 हजार से अधिक लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सबसे अधिक दरभंगा में 98 सामुदायिक रसोई चलायी जा रही. इसके अतिरिक्त 10 राहत शिविरों में चार हजार लोग रह रहे हैं.
राज्य में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. गंडक नदी के गोपालगंज और पूर्वी चंपारण के तीन तटबंधों में दरार आने के बाद निचले इलाकों में पानी फैल गया है. राज्य सरकार ने वायु सेना से हेलीकाप्टर की मांग की है. शनिवार की सुबह तक वायु सेना की हेलीकाप्टर पटना पहुंच जायेंगे. इसके बाद बाढ़ ग्रस्त इलाकों में राहत पैकेट गिराये जायेंगे.
पूर्व सांसद शरद यादव ने उत्तर बिहार में आयी बाढ़ को भयावह बताया. उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार के जिलों में लगातार बारिश से बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है. बाढ़ से प्रभावित जिलों में सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, सहरसा और मधेपुरा शामिल हैं. इन जिलों में कई सड़कें ध्वस्त हो गयी हैं. कई लोगों के घरों और कार्यालयों में पानी भर गया है. कई जगह आवागमन ठप हो गया है. उन्होंने कहा कि नेपाल से बिहार आनेवाली नदियां उफान पर हैं. गंडक, कोसी, बागमती, लखनदेई, बूढ़ी गंडक जैसी नदियों ने विकराल रूप धारण कर लिया है. पानी के तेज बहाव से सड़कों का संपर्क टूट गया है. लगातार हल्की बारिश के बीच नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है. राज्य में आधा दर्जन नदियां कहीं ना कहीं लाल निशान से ऊपर ही बह रही हैं. बिहार की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. एक तरफ सरकार ने कोरोना से निबटने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए और इंसान को इंसान ना समझने वाले दृश्य राज्य में देखने को मिल रहे हैं, जो बहुत ही दर्दनाक और दयनीय है और दूसरी तरफ बाढ़ जोकि मालूम है हर साल विनाश करती है उसके लिए भी गंभीर रूप से सरकार तैयार नहीं थी.
सहरसा में कटाव से पांच दर्जन लोगों के आशियाने पर खतरा, क्रेटिंग कार्य शुरू होने से ग्रामीणों में खुशीसहरसा में कोसी की मध्य धारा के मुहाने पर स्थित कुंदह गांव के लगभग पांच दर्जन परिवारों के आशियाने को कोसी अपनी कोख में लेने को तैयार है. मालूम हो कि कोसी की धारा गांव से उत्तर कई लूप लाइन बनाकर पश्चिम दिशा में अपना बहाव ले जाना चाहती है. बरसात के दिनों में बाढ़ के बाद जब जलस्तर नीचे गिरने लगता है और नदी अपनी मुख्यधारा में सिमटने लगती है, तो कटनियां अपना कहर बरपाती है. गांव की आबादी के विस्थापन को रोकने की मंशा से तीन माह पूर्व भी गांव से उत्तर बांस-बल्ला लगा कर बालू भरे बोरों का क्रेटिंग कार्य कराया गया था, जो कटनियां में नीचे दरक गया और पुनः खतरा मंडराने लगा. स्थानीय ग्रामीण व जदयू नेता अनवर आलम उर्फ अनवर आजाद की अगुवाई में ग्रामीणों के त्राहिमाम संदेश पर चार दिन पूर्व जिलाधिकारी कौशल कुमार, डीडीसी राजेश कुमार सिंह और जल संसाधन विभाग के अभियंता कुंदह कटनियां स्थल का जायजा लिया था और कटावरोधी कार्य कराये जाने का आश्वासन दिया था. डीएम के प्रस्ताव प्रतिवेदन पर कुंदह गांव में पिछले दो दिन से परकोपाइन का कार्य युद्धस्तर पर जारी है. बचाव कार्य शुरू होने से आमलोगों में खुशी है.
सहरसा जिले के बनमा ईटहरी प्रखंड की सहुरिया पंचायत का हराहरी राम टोला बाढ़ के पानी से घिर गया़ लोगों के पास वहां से निकलने का रास्ता नहीं दिख रहा था़ इसकी जानकारी मिलने पर वार्ड सदस्य उर्मिला देवी खुद नाव लेकर पहुंची और बाढ़ में फंसे लोगों को नाव से मुख्य सड़क तक छोड़ा़ सबसे बड़ी बात यह है कि वह खुद नाव चला रही हैं.
गोपालगंज : वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में 4.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गोपालगंज-बेतिया महासेतु के आगे एप्रोच पथ ध्वस्त हो गया. माइनर ब्रिज के पास दोनों तरफ करीब 20-20 मीटर तक एप्रोच पथ पानी के तेज धार में बह गया, जिससे गोपालगंज-बेतिया पथ पर परिचालन ठप हो गया है. इधर, पथ निर्माण मंत्री ने कहा कि महासेतु सुरक्षित है. वहीं, गुरुवार की सुबह महासेतु के पास गंडक की धार को रोकने के लिए बनाया गया गाइड बांध भी 30 मीटर तक टूट गया.
गोपालगंज. गंडक नदी के दबाव से गुरुवार की शाम बरौली प्रखंड के देवापुर में रिंग बांध टूट गया. रिंग बांध टूटने के बाद साईं7 तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ गया है. सुबह से ही रिंग बांध पर पानी का दबाव था. बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीम रिंग बांध को बचाने में जुटी हुई थी, लेकिन पानी का दबाव इस कदर बढ़ा कि रिंग बांध नहीं रोक सका. डीएम अरशद अजीज ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. नीचले इलाके में रहने वाले लोगों को खाली कराया गया. डीएम का कहना है कि रिंग बांध के ऊपर तक पानी आ गया था जिसकी वजह से ओवरफ्लो होने के बाद रिंग बांध टूट गया. हालांकि सारण बांध को बचाने में प्रशासन की टीम युद्ध स्तर पर लगी हुई है. लोगों को सुरक्षति स्थानों पर भेजा रहा है.
पटना. गंडक नदी के निचले (जल ग्रहण क्षेत्र) इलाके में शुक्रवार और शनिवार को भारी बारिश की आशंका को देखते हुए सरकार ने अलर्ट जारी किया है. बूढ़ी गंडक, सिकरहना और गंगा में पानी बढ़ रहा है. गंडक व बागमती नदियों के तटबंधों में रिसाव की सूचना है, जिन्हें दुरुस्त किया जा रहा है. वहीं, अधवारा नदी में उफान आने से गुरुवार को सीतामढ़ी-पुपरी पथ पर पानी चढ़ गया है.