मुजफ्फरपुर. मार्च के महीने की शुरुआत से मौसम में बदलाव आने से सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. सरकारी अस्पताल की मेडिसिन ओपीडी में हर रोज 100 से 120 मरीज वायरल फीवर, बुखार, सर्दी,और जुकाम की परेशानी लेकर इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. मार्च के महीने में चार दिनों में 520 मरीज सर्दी-जुकाम के साथ ही बुखार के ओपीडी में आये हैं. इधर डॉक्टरों ने कहा है कि मार्च महीने के शुरुआती दिनों में गर्मी और रातों को गुलाबी ठंड ने अपना अहसास कराया है. वहीं मौसम के बदलते मिजाज से अस्पताल में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है.
मरीजों में बच्चों की संख्या अधिक
प्रतिदिन ओपीडी में इलाज कराने वालों की भीड़ देखी जा सकती है. इनमें बच्चों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है. इस समय सबसे अधिक मरीज वायरल, सर्दी-जुकाम, खांसी के आ रहे हैं. डॉक्टर मरीज बढ़ने का मुख्य कारण मौसम में हो रहे परिवर्तन को मान रहे हैं. साथ ही गंदा पानी का सेवन बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है. अस्पताल के सीनियर डॉक्टर सी के दास ने बताया कि इस समय मौसम के बदलाव के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है. इसमें सबसे ज्यादा मरीज वायरल फीवर के आ रहे हैं. बीमारी फैलने का मुख्य कारण मौसम का परिवर्तन होना है.
थोड़ी सी बरतें सावधानी
मौसम परिवर्तन के साथ ही मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ने लगे हैं. बुखार, सर्दी, जुकाम-खांसी के मरीज भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. खानपान और रहन-सहन पर ध्यान दिया जाए तो मौसमी बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सकता है. बुखार पीड़ितों में मलेरिया के लक्षण भी मिल रहे हैं. बुखार से बचने के लिए मच्छरों से बचे और घर और आसपास सफाई रखें, जिससे मच्छर नहीं पनप सके.
ठंडी चीजों से करें परहेज
डाक्टरों का कहना है कि दिन में तो मौसम गर्म होता है, लेकिन सुबह और रात में पहनावे पर ध्यान रखना चाहिए.वहीं दिन में लोग घर से कम कपड़े पहनकर निकलते हैं और शाम को घर पहुंचते-पहुंचते मौसम ठंडा हो जाता है. इसके साथ ही ठंडी चीजों से परहेज रखें. बच्चों को सुबह होते ही बेड से उठकर सीधे बाहर नहीं जाने दें.ऐसे मौसम में सुबह फर्श पर नंगे पैर चलने से बचें. इसके अलावा सर्दी के मौसम में पानी कम मात्रा में लोग पीते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है. शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन हो सकता है.