हाजीपुर : कहते हैं कि मजहब, जाति, लिंग, क्षेत्र आदि के नाम पर विभेद करना कानूनन जुर्म है और भारतीय दंड विधान में इसके लिए दंड का भी प्रावधान है, लेकिन अर्धसैनिक बलों में भी क्षेत्र के नाम पर जवानों पर दमन होता है और उसकी शिकायत अनसुनी कर दी जाती है. बिहार में भयमुक्त वातावरण में स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए आये अर्धसैनिक बलों में भी क्षेत्र के नाम पर जवानों के साथ भेद- भाव बरते जाने का ही नहीं बल्कि दमन का भी मामला प्रकाश में आया है.
सीमा सुरक्षा बल कश्मीर के 401/ 182, जो करताहां थाना क्षेत्र में स्थित राम विदेशी सिंह महाविद्यालय में ठहरा है, में एक इंस्पेक्टर ने एक बिहारी लायंस नायक को केवल इसलिए बुरी तरह मारपीट कर जख्मी करने के बाद कैंप में ही बंदी बना दिया है कि वह बिहारी है. बिहारियों के विरुद्ध घृणा की यह भावना तब भी नहीं पिघली, जब जवान ने घायल होने के बाद चिकित्सा के लिए अवकाश की मांग की.
बिहार के जहानाबाद जिले के रहनेवाले लायंस नायक जनार्दन शर्मा ने इस मामले में पंजाब के रहने वाले इंस्पेक्टर रंजीत सिंह के विरुद्ध थानाध्यक्ष करताहां एवं पुलिस अधीक्षक से फोन पर शिकायत की है लेकिन दोषी इंस्पेक्टर के विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. घायल जवान को बंदी बना कर यातना दिये जाने की शिकायत की गयी है.