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यूजीसी केक्लासों का संचालन नहीं होने से निर्धन छात्र-छात्राएं मायूस
हाजीपुर : देसरी स्थित वीरचंद पटेल स्मारक महाविद्यालय में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय का स्टडी सेंटर खुल जाने से छात्र-छात्राओं में हर्ष है. वहीं यूजीसी द्वारा संचालित रीमिडियल क्लास, इंट्री इन सर्विस एवं कैरियर एंड काउंसेलिंग का संचालन नहीं किये जाने से निराशा भी है. विश्वविद्यालय द्वारा की गयी इस व्यवस्था के […]
हाजीपुर : देसरी स्थित वीरचंद पटेल स्मारक महाविद्यालय में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय का स्टडी सेंटर खुल जाने से छात्र-छात्राओं में हर्ष है. वहीं यूजीसी द्वारा संचालित रीमिडियल क्लास, इंट्री इन सर्विस एवं कैरियर एंड काउंसेलिंग का संचालन नहीं किये जाने से निराशा भी है. विश्वविद्यालय द्वारा की गयी इस व्यवस्था के तहत छात्र सुविधा अनुसार कोर्स पूरा करते हैं.
वहीं यूजीसी द्वारा शुरू किये गये इन क्लासेज से अनुसूचित जाति-जन जाति अल्पसंख्यक वर्ग एवं निर्धन छात्र-छात्राओं के अलावा अन्य वर्ग के बच्चे लाभ उठाते थे, लेकिन अब इसका संचालन नहीं किये जाने से छात्र-छात्राओं में निराशा है. प्रखंड में यह एकमात्र डिग्री महाविद्यालय है, जिसमें सुदूर ग्रामीण इलाके के छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं.
इसका संचालन नहीं होने से छात्र-छात्राएं परेशान हैं. सबसे ज्यादा निराशा निर्धन वर्ग के छात्रों की है. छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन की उदासीनता के कारण ही इसका संचालन नहीं हो रहा ह,ै जबकि कॉलेज सूत्र बताते हैं कि यूजीसी द्वारा उपलब्ध फंड समाप्त हो गया है, जिसके कारण इसका संचालन नहीं हो रहा है. फंड आते ही संचालन शुरू हो जायेगा. हालांकि दूरस्थ शिक्षा निदेशालय द्वारा कॉलेज में तीनों संकाय साइंस, आर्ट और कॉमर्स की व्यवस्था से छात्रों व अभिभावकों में हर्ष है.
दूरस्थ शिक्षा के किन विषयों में होगा स्नातक : इतिहास, हिंदी,मैथिली, संस्कृत, राजनीति शास्त्र, अंगरेजी, गृह विज्ञान, अर्थशास्त्र, उर्दू, मनोविज्ञान, गणित, समाजशास्त्र, फर्सियन, भूगोल के अलावा साइंस, कॉमर्स और बीसीए, बीबीए भी किया जा सकता है.
क्या कहते हैं छात्र-छात्राएं
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय का स्टडी सेंटर खुलने से खुशी है, लेकिन यूजीसी द्वारा संचालित विशेष वर्ग व्यवस्था के नहीं होने से निराशा है. तीनों वर्ग के संचालन से कैरियर और पढ़ाई संबंधी समस्या का निराकरण हो जाता था.
मनोज कुमार
रीमिडियल क्लास से काफी सुविधा होती थी. पीछे छूटे पाठ्यक्रम को पूरा करने के अलावा प्रतियोगिता संबंधी अच्छी तैयारी हो सकती थी. इनका संचालन नहीं किये जाने के कारण काफी परेशानी हो रही है.
अफसाना खातून
ग्रामीण इलाके में कॉलेज में की गयी इस व्यवस्था से खुशी हुई थी, लेकिन कॉलेज में आने के बाद पता चला कि इसका संचालन नहीं हो रहा है. इसे जल्द-से-जल्द शुरू किया जाना चाहिए ताकि निर्धन छात्रों को इसका लाभ मिल सके.
दिनेश कुमार सिंह, अभिभावक.
क्या कहते हैं प्राचार्य
महाविद्यालय छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. छात्र-छात्राओं के सांस्कृतिक, मानसिक एवं सामाजिक के अलावा शैक्षणिक विकास के लिए प्रयास करता है. कुछ तकनीकी कारणों से इसका संचालन नहीं हो रहा है. जल्द ही इसे शुरू किया जा सकता है.
डॉ ललितेश नारायण प्रसाद, प्राचार्य
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