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राशि और भूमि उपलब्ध, फिर भी निर्माण कार्य का शिलान्यास नहीं

सफर नामा 2014 हाजीपुर : वैशाली जिले में इस साल भी नहीं हो सका जननायक कपरूरी ठाकुर छात्रावास का निर्माण. राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाएं किस तरह प्रशासनिक उपेक्षा के कारण फाइलों में दम तोड़ रही हैं, यह योजना इसका जीता-जागता उदाहरण है. पिछले दो साल से छात्रावास निर्माण की राशि पड़ी हुई है. लंबे […]

सफर नामा 2014
हाजीपुर : वैशाली जिले में इस साल भी नहीं हो सका जननायक कपरूरी ठाकुर छात्रावास का निर्माण. राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाएं किस तरह प्रशासनिक उपेक्षा के कारण फाइलों में दम तोड़ रही हैं, यह योजना इसका जीता-जागता उदाहरण है. पिछले दो साल से छात्रावास निर्माण की राशि पड़ी हुई है.
लंबे समय तक तो जमीन की उपलब्धता के नाम पर इसे टाला जाता रहा, लेकिन अब जमीन मिलने के बाद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. मालूम हो कि राज्य सरकार द्वारा अतिपिछड़ा जाति के छात्र-छात्राओं के लिए प्रत्येक जिले में छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जननायक कपरूरी ठाकुर छात्रावास योजना शुरू की गयी. इस योजना की शुरुआत 2008-09 में हुई. इस योजना के तहत सभी जिलों में सौ बेड वाले छात्रावास का निर्माण किया जाना है.
योजना शुरू होने से अति पिछड़े समुदाय से आनेवाले मेधावी छात्र-छात्राओं के बीच यह उम्मीद जगी कि आगे की पढ़ाई-लिखाई के लिए अब साधन हीनता उनके आड़े नहीं आयेगी. योजना शुरू होने के पांच साल बीतने के बाद भी छात्रावास निर्माण का काम पूरा नहीं होने से जिले के छात्रों और उनके अभिभावकों में गहरी मायूसी है. विगत एक साल के अंदर कई मौकों पर सरकार के काबीना मंत्री रमई राम ने 2014 में हर हाल में छात्रावास निर्माण कराने का आश्वासन दिया. साल बीत रहा है, निर्माण की कौन कहे शिलान्यास भी नहीं हो सका है. छात्रावास निर्माण के लिए विगत दो साल से प्रयास कर रहे अनुमंडल अनुश्रवण समिति के सदस्य एवं जदयू के जिला उपाध्यक्ष प्रो रामानंद गुप्ता का कहना है कि जिला प्रशासन के पास दो साल से इस योजना के मद में लगभग दो करोड़ की राशि पड़ी हुई है.
बार-बार ध्यान दिलाये जाने के बाद भी प्रशासन उदासीन बना हुआ है. प्रो गुप्ता ने पिछले दिनों जिले के प्रभारी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को दिये गये स्मार पत्र पर संज्ञान लेते हुए पथ निर्माण मंत्री श्री सिंह ने जिलाधिकारी को इस मामले में कार्रवाई का निदेश भी दिया है. इसके बाद भी यह योजना बंद है. इस बारे में दस माह पहले तत्कालीन सदर सीओ ने कहा था कि स्थानीय सर्किट हाउस के बगल में गंडक प्रोजेक्ट के निकट डेढ़ एकड़ जमीन की व्यवस्था कर ली गयी है. पुल निर्माण निगम की उस जमीन पर 75 डिसमिल में कपरूरी ठाकुर छात्रावास तथा 75 डिसमिल में जगजीवन राम छात्रावास का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू हो जायेगा. आज तक लोग इंतजार ही करते रह गये. जिले के लोगों का सीधा-सा सवाल है कि जमीन उपलब्ध है तो इसका निर्माण क्यों नहीं हो रहा है.

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