Bihar News: तमिलनाडु में बिहार समेत हिंदी भाषी राज्यों के मजदूरों को टारगेट बनाने और मारपीट करने के दावे को लेकर अब बिहार के साथ-साथ तमिलनाडु सरकार की सक्रियता भी बढ़ गयी है. तमिलनाडु के डीजीपी की ओर से जारी बयान के बाद बिहार विधानसभा में घमासान मचा. विपक्षी पार्टी की मांग पर अब बिहार के आला अफसरों की एक टीम तमिलनाडु भेजी जा रही है. वहीं तमिलनाडु पुलिस ने भ्रामक खबर वायरल करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है. जबकि अब सरकार के मंत्री व टेक्सटाइल इंडस्ट्री व मिल एसोसिएशन की ओर से भी सफाई पेश की गयी है.
तमिलनाडु सरकार का दावा
बिहार में तमिनाडु मुद्दे ने जहां तूल पकड़ा हुआ है वहीं तमिलनाडु सरकार अपने उसी दावे पर कायम है कि यहां स्थिति सामान्य है और भ्रामक खबरों को परोसा जा रहा है. अफवाह उड़ाकर गलत तरीके से लोगों के बीच चिंता फैलाई जा रही है. तमिलनाडु के डीजीपी ने इससे पूर्व भी यह दावा किया था कि तमिलनाडु में कहीं हिंदी भाषियों को टारगेट नहीं किया गया है. जो वीडियो वायरल हुआ वो अलग संदर्भ में आपसी विवाद का था. जिसमें पुलिस कार्रवाई हो चुकी है.
तमिलनाडु के श्रम कल्याण व कौशल विकास मंत्री बोले
वहीं अब तमिलनाडु के श्रम कल्याण व कौशल विकास मंत्री सी.वी. गणेशन ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि उत्तरी राज्य के श्रमिक यहां बड़ी संख्या में हैं और विकास कार्यों से जुड़े हैं. संबंधित कंपियां अपने श्रमिकों को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया करा रही है. बाहरी श्रमिकों का स्वागत करना हमारी संस्कृति है. यहां का माहौल अच्छा रहता है.
मंत्री का दावा
मंत्री का दावा है कि सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने दुर्भावनापूर्ण खबरों को फैलाया. यह बिल्कुल गलत है कि उत्तर भारत के श्रमिकों पर तमिलनाडु में हमले किए जा रहे हैं. इसमें कोई भी सच्चाई नहीं है. इन भ्रामक खबरों को फैलाने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है.
टेक्सटाइल इंडस्ट्री व मिल्स संगठन का बयान
इधर भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री व दक्षिण भारत मिल्स संगठन की ओर से कहा गया कि तमिलनाडु में लोकल वर्कर और प्रवासी मजदूरों के बीच कोई हिंसा नहीं हुई है. ये गलत जानकारी दौड़ रही है. डीजीपी ने भी कथित वीडियो को लेकर सबकुछ साफ कर दिया है. वहीं सरकार से मांग की गयी है कि कड़ी कार्रवाई की जाए. वहीं प्रवासी श्रमिकों और उद्योगों को धैर्य रखने की अपील की गयी.
Published By: Thakur Shaktilochan