तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ कथित तौर पर मारपीट और हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए बिहार सरकार के चार वरिष्ठ अफसरों की टीम शनिवार को चेन्नई पहुंच गयी. ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामुरुगन डी के नेतृत्व में पहुंची टीम ने चेन्नई की डीएम अमृता ज्योति के साथ बैठक की. साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर स्थिति का जायजा लिया. उधर, तमिलनाडु सरकार ने एक बार फिर भरोसा दिया है कि बिहार के कामगारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जायेगी.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर बातचीत की है. नीतीश कुमार ने शुक्रवार को राज्य के डीजीपी व मुख्य सचिव को अधिकारियों के एक दल को तमिलनाडु भेजने का निर्देश दिया था. जिन अधिकारियों को तमिलनाडु भेजा गया है, उनमें ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामुरुगन डी, सीआइडी के आइजी पी कन्नन, श्रम विभाग के आयुक्त आलोक कुमार और एसटीएफ के एसपी संतोष कुमार शामिल हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने चार अधिकारियों के दल को तमिलनाडु भेज दिया है. टीम के सदस्य तमिलनाडु में बिहार के लोगों से मिलकर समस्याओं को जानेंगे. साथ ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर समाधान करवायेंगे. वरीय पदाधिकारियों का यह दल तमिलनाडु के तिरुप्पुर भी जायेगा. वहां रहने वाले बिहार के निवासियों, श्रम विभाग के पदाधिकारियों, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य पदाधिकारियों से बातचीत कर वस्तुस्थिति की जानकारी लेगा. इस क्रम में बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा तमिलनाडु के अपर पुलिस महानिदेशक, विधि व्यवस्था के आयुक्त, कोयंबटूर उत्तरी प्रक्षेत्र के आइजी, तमिलनाडु के अन्य पुलिस पदाधिकारी, प्रशासनिक पदाधिकारियों एवं प्रवासी बिहार के लोगों से आवश्यक बातचीत की जा रही है.
तमिलनाडु सरकार ने कहा- सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शनिवार को बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने बिहार के अपने समकक्ष नीतीश कुमार से बातचीत की है. जो भी खबरें सोशल मीडिया पर चल रही हैं, वह पूरी तरह फर्जी हैं. सभी कामगार हमारे अपने हैं. तमिलनाडु के श्रम कल्याण और कौशल विकास मंत्री सी वी गणेशन ने भी बयान जारी कर कहा है कि सोशल मीडिया पर दुर्भाग्यपूर्ण खबरें फैलायी जा रही हैं. इसमें सच्चाई नहीं है.