मानवीय भूल से होती है अगलगी की अधिकांश घटनाएं : सीओ

बस्ती के बीच थ्रेसर से गेहूं की तैयारी, जलावन वाले चूल्हे पर अपराह्न काल भोजन पकाना एवं शाॅर्ट सर्किट आदि अगलगी के मुख्य कारण है

By Prabhat Khabar News Desk | April 24, 2024 6:08 PM

छातापुर. अंचल क्षेत्र में इन दिनों अगलगी की घटनाएं लगातार घटित हो रही है और लोगों को जानमाल का भारी नुकसान उठाना पड रहा है. ऐसे में अगलगी से बचाव व पूर्व तैयारी को लेकर सीओ राकेश से बुधवार को उनके वेश्म में बातचीत की गयी. सीओ ने बताया कि अगलगी की अधिकांश घटनाएं लापरवाही एवं मानवीय भूल के कारण ही होती है. बस्ती के बीच थ्रेसर से गेहूं की तैयारी, जलावन वाले चूल्हे पर अपराह्न काल भोजन पकाना एवं शाॅर्ट सर्किट आदि अगलगी के मुख्य कारण है. गर्मी के मौसम में खासकर 15 मई तक विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इस अवधि में तापमान बेहद गर्म रहता है और हवा के कारण ज्वलनशील हर चीज खाड़ा हो जाता है. इसी अवधि के बीच गेहूं फसल की तैयारी भी होती है. गेहूं की तैयारी बस्ती से बाहर खुले स्थान पर करना चाहिए. हालांकि लोग अपनी सुविधा के चलते घर के आस पास या बस्ती में ही थ्रेसर लगा देते हैं. जो कि नुकसानदायक साबित होता है. दूसरा कारण रसोईघर में भोजन बनाने के क्रम में लापरवाही है. दिन का भोजन पूर्वाह्न 10 बजे तक जरूर बना लें. 10 बजे के बाद हवा तेज हो जाती है. भोजन पकाने के बाद चुल्हा, जलावन के अवशेष एवं उसके राख को पूरी तरह से ठंडा कर दें. अन्यथा आग का जरा भी अंश शेष रह गया तो वह हवा के कारण फिर से सुलग सकता है. बचाव के दृष्टिकोण से रात का भोजन संध्याकाल ही बना लें. उन्होंने बताया कि घर के अंदर विद्युत कनेक्शन में शॉर्ट सर्किट के कारण भी आग लग जाती है. ज्वाइंट वाले खुले स्थान को अच्छी तरह से टैपिंक कर दें. पूर्व तैयारी को लेकर कहा कि रसोईघर या आसपास में बाल्टी में पानी तथा बोरी में बालू भरकर रखना चाहिए. आग लगने पर त्वरित रूप से बालू व पानी का प्रयोग कर फैलने से उसे रोक सकते हैं. अगलगी होने पर उन्हें एवं थाना को तुरंत ही इसकी सूचना दें. ताकि अग्निशमन वाहन को स्थल पर ससमय भेजा जा सके. सीओ ने इलाके के जनप्रतिनिधियों से बचाव व सावधानी को लेकर आमलोगों को जागरूक करने का अनुरोध किया है. अंचल क्षेत्र में इन दिनों अगलगी की घटनाएं लगातार घटित हो रही है और लोगों को जानमाल का भारी नुकसान उठाना पड रहा है. ऐसे में अगलगी से बचाव व पूर्व तैयारी को लेकर सीओ राकेश से बुधवार को उनके वेश्म में बातचीत की गयी. सीओ ने बताया कि अगलगी की अधिकांश घटनाएं लापरवाही एवं मानवीय भूल के कारण ही होती है. बस्ती के बीच थ्रेसर से गेहूं की तैयारी, जलावन वाले चूल्हे पर अपराह्न काल भोजन पकाना एवं शाॅर्ट सर्किट आदि अगलगी के मुख्य कारण है. गर्मी के मौसम में खासकर 15 मई तक विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इस अवधि में तापमान बेहद गर्म रहता है और हवा के कारण ज्वलनशील हर चीज खाड़ा हो जाता है. इसी अवधि के बीच गेहूं फसल की तैयारी भी होती है. गेहूं की तैयारी बस्ती से बाहर खुले स्थान पर करना चाहिए. हालांकि लोग अपनी सुविधा के चलते घर के आस पास या बस्ती में ही थ्रेसर लगा देते हैं. जो कि नुकसानदायक साबित होता है. दूसरा कारण रसोईघर में भोजन बनाने के क्रम में लापरवाही है. दिन का भोजन पूर्वाह्न 10 बजे तक जरूर बना लें. 10 बजे के बाद हवा तेज हो जाती है. भोजन पकाने के बाद चुल्हा, जलावन के अवशेष एवं उसके राख को पूरी तरह से ठंडा कर दें. अन्यथा आग का जरा भी अंश शेष रह गया तो वह हवा के कारण फिर से सुलग सकता है. बचाव के दृष्टिकोण से रात का भोजन संध्याकाल ही बना लें. उन्होंने बताया कि घर के अंदर विद्युत कनेक्शन में शॉर्ट सर्किट के कारण भी आग लग जाती है. ज्वाइंट वाले खुले स्थान को अच्छी तरह से टैपिंक कर दें. पूर्व तैयारी को लेकर कहा कि रसोईघर या आसपास में बाल्टी में पानी तथा बोरी में बालू भरकर रखना चाहिए. आग लगने पर त्वरित रूप से बालू व पानी का प्रयोग कर फैलने से उसे रोक सकते हैं. अगलगी होने पर उन्हें एवं थाना को तुरंत ही इसकी सूचना दें. ताकि अग्निशमन वाहन को स्थल पर ससमय भेजा जा सके. सीओ ने इलाके के जनप्रतिनिधियों से बचाव व सावधानी को लेकर आमलोगों को जागरूक करने का अनुरोध किया है.

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