प्रतिनिधि,सुपौल जिला शिक्षा विभाग के प्रधान लिपिक फुलो राम का 01 फरवरी 2015 से नियोजन संविदा के आधार पर एक वर्ष के लिए समाहरणालय द्वारा किया गया था, लेकिन यह नियोजन बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के दिशा निर्देश का उल्लंघन था. इस बात की शिकायत पब्लिक विजिलेंस कमेटी के सचिव अनिल कुमार सिंह ने डीएम से की थी. शिकायत के आधार पर फुलो राम का नियोजन डीएम ने रद्द कर दिया. श्री सिंह ने गलत अनुशंसा के लिए जिम्मेवार शिक्षा विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है. क्या है राज्य सरकार का दिशा -निर्देश राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों व क्षेत्रीय कार्यालयों में सेवानिवृत्त पदाधिकारी व कर्मियों की सेवाएं संविदा के आधार पर लिये जाने का प्रावधान है. इस बाबत राज्य सरकार द्वारा विभागीय संकल्प संख्या 2804 दिनांक 29 मार्च 2010 व आदेश संख्या 1338 दिनांक नौ जुलाई निर्गत है. इसके तहत केवल लिपिक को ही संविदा के आधार पर नियोजित करने का प्रावधान है. शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त लिपिकों को इसमें शामिल करने का प्रावधान नहीं है. इसके अलावा नियोजित व्यक्ति की छवि भी साफ-सुथरी होनी चाहिए. क्यों रद्द हुआ फुलो राम का नियोजन फुलो राम शिक्षा विभाग में प्रधान लिपिक हैं और 31 जनवरी 2015 को सेवा निवृत्त हो रहे हैं, लेकिन नियमों की अनदेखी कर श्री राम के नियोजन की अनुशंसा विभाग द्वारा कर दी गयी. जबकि शिक्षा विभाग के लिपिक का नियोजन नहीं हो सकता है. इसके अलावा श्री राम के विरुद्ध निगरानी विभाग और न्यायालय में कई मामले विचाराधीन हैं. किसनपुर थाना कांड संख्या 73/97 में श्री राम जेल भी जा चुके हैं और उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी चल रही है.
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लिपिक का नियोजन डीएम ने किया रद्द
प्रतिनिधि,सुपौल जिला शिक्षा विभाग के प्रधान लिपिक फुलो राम का 01 फरवरी 2015 से नियोजन संविदा के आधार पर एक वर्ष के लिए समाहरणालय द्वारा किया गया था, लेकिन यह नियोजन बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के दिशा निर्देश का उल्लंघन था. इस बात की शिकायत पब्लिक विजिलेंस कमेटी के सचिव अनिल कुमार सिंह […]
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