17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

धीरेंद्र यादव को राजनेताओं का मिलता रहा संरक्षण!

सुपौल : राजनीति और अपराध का चोली-दामन का संबंध जगजाहिर है. कुख्यात धीरेंद्र भी इसका अपवाद नहीं है और राजनेताओं के संरक्षण में खुद को महफूज महसूस करता रहा है. अपराध की दुनिया में एक मुकाम हासिल कर चुके धीरेंद्र हथियारों के मामले में काफी समृद्ध हो चुका था व उसकी अपनी कार्यशैली भी थी. […]

सुपौल : राजनीति और अपराध का चोली-दामन का संबंध जगजाहिर है. कुख्यात धीरेंद्र भी इसका अपवाद नहीं है और राजनेताओं के संरक्षण में खुद को महफूज महसूस करता रहा है. अपराध की दुनिया में एक मुकाम हासिल कर चुके धीरेंद्र हथियारों के मामले में काफी समृद्ध हो चुका था व उसकी अपनी कार्यशैली भी थी. शायद यही वजह है कि कोसी और नेपाल क्षेत्र में अपराध की दुनिया का वह क्षत्रप बन बैठा था

* रसूखदार नेताओं से थी नजदीकियां
गिरफ्तारी के बाद पुलिसिया पूछताछ में धीरेंद्र ने कई चौंकाने वाली जानकारियां दी है. नेपाल और सुपौल पुलिस को उसने उन तमाम कद्दावर और छुटभैये नेताओं का नाम बताया है, जिसका उसको संरक्षण प्राप्त था. खास कर नेपाल के ऐसे बड़े राजनेताओं के नाम सामने आये हैं, जो आश्चर्यचकित करने के लिए काफी हैं.

सूत्र बताते हैं कि नेपाल जेल में बंद धीरेंद्र से मिलने के लिए नेपाल के कई कद्दावर नेता पहुंचते थे. राजनेताओं से ही संपर्क का नतीजा था कि धीरेंद्र अपने मनपसंद जेल में अक्सर स्थानांतरित होता रहता था. धीरेंद्र का पसंदीदा जेल बॉर्डर के निकट का होता था, ताकि वह आसानी से अपने भारतीय शागिर्दो से मिल-जुल सके. इतना ही नहीं, अपनी ऊंची पहुंच की वजह से ही वह नेपाल की नागरिकता भी हासिल करने में सफल रहा था.

सुपौल, अररिया, मधुबनी इलाके के भी कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी संरक्षण धीरेंद्र को हासिल था. जेल से फरार होने के बाद इन्हीं लोगों की सरपरस्ती में ही वह समय बीता रहा था. ठहरने से लेकर आने-जाने के तमाम प्रबंध ऐसे नेताओं के ही जिम्मे था. ऐसे राजनेता भविष्य में मदद की आस में धीरेंद्र की मदद किया करते थे.

* हथियार के मामले में था समृद्ध
विशुद्ध गैंगस्टर की तरह धीरेंद्र भी हथियारों का शौकीन था. मिली जानकारी के अनुसार, उसके गैंग में तीन बड़े अत्याधुनिक हथियार के साथ आधा दर्जन से अधिक अत्याधुनिक छोटे हथियार भी हैं. अत्याधुनिक हथियार अंतरराष्ट्रीय अपराधी अशरफ अली अंसारी द्वारा धीरेंद्र को उपलब्ध कराया गया था. ऐसी चर्चा है कि जेल से फरार होने के बाद अंसारी द्वारा अच्छे किस्म के हथियार उपलब्ध कराये गये हैं. गौरतलब है कि अंसारी का हथियार सप्लाई का एक बड़ा नेटवर्क है, जिसमें उसकी पत्नी भी सक्रिय भूमिका अदा करती रही है.

* बड़ी सफलता से चूक गयी पुलिस
यूं तो धीरेंद्र यादव की गिरफ्तारी ही वीरपुर पुलिस के लिए उल्लेखनीय सफलता मानी जा सकती है. लेकिन शनिवार की रात पुलिस एक बड़ी सफलता से दो कदम दूर रह गयी. धीरेंद्र के साथ हथियारों की बरामदगी नहीं होना पुलिस की विफलता नहीं दुर्भाग्य ही माना जा सकता है.

दरअसल पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि धीरेंद्र के साथ बमबम यादव, सुभाष झा व सुभाष यादव भी कारबाइन के साथ मौजूद है. सूत्रों के अनुसार पुलिस के पहुंचने से पहले ही संयोगवश धीरेंद्र का अन्य साथी हथियार समेत अन्यत्र चला गया. यही वजह रही कि हथियार की बरामदगी संभव नहीं हो सकी. हालांकि पुलिस की नजर उन तमाम संरक्षण कर्ताओं पर भी है, क्योंकि ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि सुविधा के लिए कई जगहों पर हथियारों को छुपा कर रखा गया है.

* स्वीकारोक्ति बयान में कई महत्वपूर्ण बातें सामने आयी है. इसकी जांच पड़ताल कर सख्त कार्रवाई की जायेगी.
सुधीर कुमार पोरिका, एसपी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें