29 को मनाया जायेगा सरस्वती पूजनोत्सव, मूर्ति को आकार देने में जुटे हैं राजस्थान के मूर्तिकार

सुपौल : सरस्वती पूजा को लेकर नौजवानों, किशोर व छात्र-छात्राओं में गजब का उत्साह देखा जा रहा है. पछुआ हवा के कारण बढ़ी ठंड के बावजूद छात्र पूजा कमेटी गठन करने की पूरी तैयारी में है. इस वर्ष 29 जनवरी को सरस्वती पूजा मनाया जायेगा. जिले में गांवों से लेकर शहर तक मूर्तिकार मां शारदे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 22, 2020 7:55 AM

सुपौल : सरस्वती पूजा को लेकर नौजवानों, किशोर व छात्र-छात्राओं में गजब का उत्साह देखा जा रहा है. पछुआ हवा के कारण बढ़ी ठंड के बावजूद छात्र पूजा कमेटी गठन करने की पूरी तैयारी में है. इस वर्ष 29 जनवरी को सरस्वती पूजा मनाया जायेगा. जिले में गांवों से लेकर शहर तक मूर्तिकार मां शारदे की प्रतिमा को आकार देने में जुट चुके हैं.

कोई मूर्ति का ढांचा बनाने में मस्त है तो कोई बने हुए ढांचे में मिट्टी से आकर देने में लगे हैं. सरस्वती पूजा की तैयारी महीनों पहले से आरंभ हो जाती है. उस समय मूर्ति की डिमांड इतनी ज्यादा होती है कि लोगों को कलाकार मूर्ति दे नहीं पाते हैं. हालांकि मूर्ति की बुकिंग महीनों पहले हो जाती है. फिर मूर्तियां बनाने का कार्य आरंभ किया जाता था. ताकि उस समय कोई भी खाली हाथ नहीं लौटने पाये.
राजस्थान से भी बुलाये गये हैं कारीगर
कुछ जगहों पर मूर्ति की डिमांड को देखते हुए कई जगह राजस्थान से भी मूर्तिकारों को मंगवाया गया है. वे अपनी कला से विभिन्न प्रकार की मूर्ति का निर्माण कर रहे हैं. राजस्थान से आये शशि पंडित ने बताया कि जनवरी के प्रथम सप्ताह में आते है और सरस्वती पूजा होने तक यहीं रहते हैं. सरस्वती पूजा बाद घर को चले जाते हैं.
कहते हैं पूजा कमेटी के सदस्य
पूजा कमेटी के देवराज कुमार, ममता भारती, अन्नपूर्णा, शिवराज कुमार, कृष्णा आदि छात्र-छात्राओं ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मां सरस्वती की पूजा अर्चना धूमधाम से की जायेगी. इसके लिए वे लोग अपने गांव मुहल्ले में चंदा इकट्ठा कर पूजनोत्सव धूमधाम से करेंगे. मां सरस्वती पूजा को लेकर जिला प्रशासन पूरी सक्रियता के साथ शांतिपूर्ण माहौल में पूजन उत्सव संपन्न हो के लिए तैयारी में है.
02 से 06 फीट तक की प्रतिमाओं का हो रहा निर्माण
25 वर्ष से मूर्ति का निर्माण कर रहे हरदी निवासी मिलन कुमार व सोनक निवासी रामू पंडित ने बताया कि इस वर्ष नयी-नयी डिजाइन की मूर्ति बना रहे हैं. इन मूर्तियों में मां हंस, कमल, शख, चक्र, रथ, वीणा, पुस्तक आदि पर आसन लगाये हुई हैं. कुछ साल से लोगों की डिमांड नटराज मूर्ति की काफी ज्यादा है. इसमें सिर्फ मिट्टी के ऊपर पेंटिंग की जाती है. जिसके कारण मूर्ति को दूर से देखने से ही लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.
बताया कि मूर्ति की बुकिंग शुरू हो गयी है. पिछले साल की तुलना में इस वर्ष 200 से अधिक मूर्ति की बुकिंग हो चुकी है. हालांकि मूर्तिकार द्वारा 300 मूर्ति को आकार दिया जा रहा है. मूर्तिकारों द्वारा दो फीट से लेकर छह फीट तक की प्रतिमा बनायी जा रही है.
जिसकी कीमत 1000 रुपये से लेकर 8000 तक की है. इस बार मूर्तियों की मांग अधिक है, जिसे देखते हुए जगह-जगह मूर्तिकार मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं. मूर्तिकारों के अनुसार 20 जनवरी तक सभी प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे दिया जायेगा.

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