सुपौल : लोगों ने लिया सामूहिक फैसला, मृत्युभोज ना खायेंगे और ना ही खिलायेंगे

सुपौल : लोरिक विचार मंच और श्रीकृष्ण-सुदामा ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पहल पर सदर प्रखंड अंतर्गत चौघारा में सोमवार को चन्द्रिका देवी की मृत्यु उपरांत कर्ता पुत्र अनिल कुमार राम व समाज को डॉ अमन कुमार के द्वारा अनुरोध पत्र समर्पित किया गया. मृत्युभोज पर आयोजित सामाजिक बैठक में आम सहमति के उपरांत भोज पर पूर्ण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 5, 2019 9:15 AM

सुपौल : लोरिक विचार मंच और श्रीकृष्ण-सुदामा ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पहल पर सदर प्रखंड अंतर्गत चौघारा में सोमवार को चन्द्रिका देवी की मृत्यु उपरांत कर्ता पुत्र अनिल कुमार राम व समाज को डॉ अमन कुमार के द्वारा अनुरोध पत्र समर्पित किया गया. मृत्युभोज पर आयोजित सामाजिक बैठक में आम सहमति के उपरांत भोज पर पूर्ण विराम लग गया.

स्थानीय समाज ने एक स्वर में कहा कि अब समाज में कोई मृत्युभोज नहीं होगी. हमलोग किसी का मृत्युभोज नही खायेंगे और ना ही खिलायेंगे. मौके पर लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ अमन कुमार ने कहा कि समाज में बड़े बदलाव की जरूरत है. इस बदलाव के लिए गरीब में हिम्मत नहीं है. मध्यम परिवार में फुर्सत का घोर अभाव है और अमीर को इसकी जरूरत नहीं है.

जिसके कारण सामाजिक कुरीति और अनावश्यक रीति-रिवाज व कुव्यवस्था पर विराम नहीं लग पा रहा है. मृत्युभोज पर होने वाली खर्च को संतान जीवित अवस्था में माता-पिता की सेवा में खर्च करें. अपने परिवार को खोने का दुःख और ऊपर से भारी-भरकम खर्च का कोई औचित्य नहीं है. इसका किसी भी धर्म ग्रंथ में उल्लेख नहीं है.

इसके जगह जनहित का कार्य करें. अमीर परिवार मृत्युभोज के बदले समाज के लिए एम्बुलेंस, सार्वजनिक पुस्तकालय, धर्मशाला, विवाह भवन, गांव के बच्चा को पढ़ाने के लिए स्कूल बस और स्वच्छ, सुंदर, खुशहाल समाज बनाने में महत्वपूर्ण बनाने में योगदान दें. गरीब के बेटा-बेटी को गोद लेकर उच्च शिक्षा दिलाने का कार्य करें. प्रकृति को बचाने में अपनी अहम योगदान दें.

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